चीन के साथ भारत का रिश्ता हमारे लिए चिंता का विषय : विदेश मंत्री जयशंकर
नई दिल्ली। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सिंगापुर में ‘स्टार्ट अप एंड इनोवेशन एग्जीबिशन’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सिंगापुर और भारत के रिश्ते को रेखांकित किया और कहा कि हम तब साथ आए थे, जब दुनिया बदल रही थी और भारत भी। सिंगापुर में ‘स्टार्ट अप एंड इनोवेशन एग्जीबिशन’ के उद्घाटन सत्र में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जब हम (भारत और सिंगापुर) अपने संबंधों के समकालीन दौर में एक साथ आए थे, यह वह समय था जब दुनिया बदल रही थी और भारत बदल रहा था। दो बदलावों का एक दूसरे के साथ कुछ लेना-देना था।
An impressive tour of InSpreneur3.0 -Start-up & Innovation Exhibition with FM @VivianBala. Great to see the passion in our new generation of entrepreneurs. Around 60 startups from India are here in the exhibition, some,like this one, from the Atal Tinker Labs set up by the govt. pic.twitter.com/ELo37zLOT5
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 9, 2019
उन्होंने आगे कहा कि भारत में उस समय भुगतान का संकट था और आर्थिक सुधारों पर काम कर रहा था। उस परिस्थिति में भारत ने सिंगापुर का रुख किया और सिंगापुर ने प्रतिक्रिया दी। सिंगापुर तभी से भारत की वृद्धि में एक महत्वपूर्ण भागीदार बना हुआ है।
विदेशमंत्री डॉ एस. जयशंकर ने सिंगापुर में कहा, “हमारे बीच बहुत मज़बूत रक्षा संबंध हैं। हमने हाल ही में अबाधित नौसैनिक अभ्यासों के 25 वर्ष पूरे किए हैं, जो किसी भी देश के साथ भारत के सबसे लम्बे अभ्यास हैं। सिंगापुर राजनैतिक, रणनीतिक तथा आर्थिक वाणिज्यिक क्षेत्रों में भी भारत की नीतियों का केंद्र बिंदु बन गया है। जो हमने द्विपक्षीय रिश्ते के रूप में शुरू किया था, वह आज कहीं ज़्यादा हो चुका है।”
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा कि चीन के साथ भारत का रिश्ता, भारत के लिए चिंता का विषय है क्योंकि हम चीन के साथ एक बड़ा ट्रेड-डेफिसिट चलाते हैं जो हमें लगता है कि निष्पक्ष और निर्बाध बाजार का नतीजा है।