अमेरिका ने WHO की पहले फंडिंग रोकी, फिर तोड़ा नाता, जानें कैसे होती है WHO की फंडिंग, कौन-कौन देश देता है कितना पैसा?
वाशिंगटन। कोरोना के खिलाफ जंग में देशवासियों की एकजुटता को लेकर PM मोदी लगातार उसे सराह रहे हैं तो सुपर पावर अमेरिका कोरोना वायरस रोकने में नाकामी पर विश्व स्वास्थ्य संगठन पर अपना गुस्सा निकाल रहा है। कोरोना से अपने एक लाख से ज्यागा नागरिकों को खो चुके अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अपना नाता तोड़ लिया है। WHO की फंडिग रोकने के बाद अब अमेरिका ने संगठन के चीन के कब्जे में होने के आरोप लगाते हुए अपने संबंध भी तोड़ लिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ शब्दों में कहा कि वो WHO को दी जाने वाली मदद को किसी और संस्था में लगाएंगे। आज के इस रिपोर्ट में हम बताएंगे की कौन है WHO और क्या है इसके अहम काम। साथ ही बताएंगे की कहां से आता है WHO के पास पैसा और ये खर्च कहां होता है।
WHO कौन है और इसके अहम काम क्या हैं?
विश्व स्वास्थ्य संगठन या WHO की स्थापना 7 अप्रैल 1948 को हुई थी। WHO की स्थापना के समय इसके संविधान पर 61 देशों ने हस्ताक्षर किए थे। वर्तमान में इसके 194 सदस्य देश हैं। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनीवा शहर में है और अभी टेड्रोस एडहानॉम WHO के प्रमुख हैं। यह एक वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी है यानी इसका मुख्य काम दुनियाभर में स्वास्थ्य समस्याओं पर नजर रखना और उन्हें सुलझाने में मदद करना है।
दुनिया में स्वास्थ्य संबंधी रुझानों की निगरानी और आकलन करना भी इसकी जिम्मेदारी है। अपनी स्थापना के बाद से WHO ने स्मॉल पॉक्स बीमारी को खत्म करने में बड़ी भूमिका निभाई है और फिलहाल WHO एड्स, इबोला और टीबी जैसी खतरनाक बीमारियों की रोकथाम पर काम कर रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन को कौन देश कितना रुपया देता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन में चार तरह की फंडिंग मिलती है। जिसमें मूल्यांकन योगदान, निर्दिष्ट स्वैच्छिक योगदान, कोर स्वैच्छिक योगदान और पीआईपी योगदान शामिल है।
WHO का वर्तमान फंडिंग पैटर्न के अनुसार साल 2019 की चौथी तिमाही के अनुसार, डब्ल्यूएचओ की फंडिंग में कुल योगदान 5.62 बिलियन डॉलर (करीब 432 अरब 17 करोड़ रुपये)के आसपास था, जिसमें मूल्यांकन योगदान 956 मिलियन डॉलर (73 अरब 50 करोड़ रुपये) का था, स्वैच्छिक योगदान 4.38 बिलियन डॉलर(336 अरब 76 करोड़ रुपये), कोर स्वैच्छिक योगदान 160 मिलियन डॉलर (12 अरब 30 करोड़ रुपये) औरा पीआईपी योगदान 178 मिलियन डॉलर (13 अरब 68 करोड़ रुपये) था।
डब्ल्यूएचओ को सार्वाधिक योगदान देने वाले देश
अमेरिका- 890
चीन- 441
जापान- 315
जर्मनी- 224
ब्रिटेन- 168
फ्रांस- 163
इटली- 121
ब्राजील- 108
(राशि करोड़ रुपये में)
(मूल्यांकन योगदान 31 मार्च 2020 तक)
विश्व स्वास्थ्य संगठन को फंड
वर्ष 2017 में अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ को तीन हजार करोड़ रूपए दिए।
ये डब्ल्यूएचओ को उस वर्ष मिलने वाली कुल रकम का 17 फीसदी है।
वर्ष 2010 से 2017 के बीच अमेरिका ने 811 करोड़ से 864 करोड़ दिए।