इमरान ने की मदद की पेशकश, भारत ने दिखाया आईना, कहा- हमारा कोरोना पैकेज ही पाकिस्तान की GDP जितना बड़ा है
नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा मदद की पेशकश का जवाब देते हुए भारत ने कहा उनका देश खुद ही भारी कर्ज में डूबा हुआ है जो उनके सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 90 प्रतिशत है। दरअसल, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के साथ ही भयंकर कर्ज से जूझ रहे पाकिस्तान के PM इमरान खान ने भारत को मदद का प्रस्ताव दिया था। एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए इमरान ने दावा किया था कि भारत में 34 फीसद घर ऐसे है जिन्हें अगर कोई मदद नहीं मिली, तो वे एक हफ्ते से ज्यादा अपना गुजर-बसर नहीं कर पाएंगे।
Acc to this report, 34% of households across India will not be able to survive for more than a week without add assistance. I am ready to offer help & share our successful cash transfer prog, lauded internationally for its reach & transparency, with India.https://t.co/CcvUf6wERM
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) June 11, 2020
उन्होंने पाकिस्तान ट्रिब्यून की एक खबर के लिंक को ट्वीट करते हुए कहा, “इस रिपोर्ट के मुताबिक पूरे भारत में 34% परिवार ऐसे हैं जो बिना किसी मदद के सात दिनों से ज्यादा नहीं चल सकते। मैं भारत की मदद करने का प्रस्ताव देता हूं और हमारे देश के कैश ट्रांसफर प्रोग्राम (नकद हस्तांतरण कार्यक्रम) को साझा करने के लिए भी तैयार हूं। इस कार्यक्रम का खासियत है ‘जनता तक आसानी से पहुंच और पारदर्शिता’, जिसे लेकर वैश्विक स्तर पर इसकी काफी तारीफ हुई है।
इमरान खान की मदद के प्रस्ताव का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “पाकिस्तान को यह याद रखना चाहिए कि उनके लिए ऋण एक बड़ी समस्या है जो उनकी GDP का 90% है। जहाँ तक भारत की बात है, हमारा प्रोत्साहन पैकेज ही पाकिस्तान की GDP जितना बड़ा है।”
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से भारत में आर्थिक संकट पैदा हो गया है। तालाबंदी शुरू होने के बाद से लगभग 84% भारतीय घरों की आय में कमी आई है। करीब एक तिहाई परिवार ऐसे हैं जो बिना अतिरिक्त मदद के एक सप्ताह से अधिक जीवित
नहीं रह पाएंगे। पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय, शिकागो विश्वविद्यालय और मुंबई स्थित भारतीय अर्थव्यवस्था निरीक्षण केंद्र (CMIE) के विशेषज्ञों द्वारा ‘कोविड-19 लॉकडाउन का भारतीय परिवार कैसे मुकाबला कर रहे हैं? 8 अहम नतीजे” शीर्षक से जारी एक अध्ययन में यह बात कही गई है।