कांगो में सबसे सक्रिया ज्वालामुखी फिर फूटा, मचा हाहाकार, जान बचाने पड़ोसी देश रवांडा भाग रहे हैं लोग, कई किलोमीटर तक फैला लावा
कांगो। कांगो गणराज्य में देर रात अचानक एक ज्वालामुखी विस्फोट ने हजारों लोगों की जिंदगी को बेबस और बेसहारा बना दिया है। रात का वक्त था जब कांगो गणराज्य की पहाड़ी पर ज्वालामुखी फूटा और कुछ ही पलों में पूरा आकाश लाल रंग से रंग गया। हर तरफ सिर्फ आग ही आग था और लोग जान बचाने के लिए इधर उधर भाग रहे थे। कांगो रिपब्लिक के लोग अपनी जान बचाने के लिए पड़ोसी देश रवांडा जा रहे हैं। माउंट न्यारागोंगो में ज्वालामुखी फूटा है और आकाश में सैकड़ों मीटर तक धुंआ और आग की लपटें फैलीं हैं तो ज्वालामुखी से लगातार लावा निकल रहा है।
माउंट न्यारागोंगो में ज्वालामुखी के फूटने के बाद आसपास रहने वाले हजारों हजार स्थानीय लोग दहशत में आ गये और जिसे जो मिला, वही लेकर अपने शहर से दूर जाने की कोशिश करने लगा। माउंट न्यारागोंगो गोमा नाम के शहर में है, जिसकी आबादी करीब 20 लाख है और रिपोर्ट के मुताबिक गोमा शहर से 10 किलोमीटर की दूरी पर फूटा है, लेकिन गोमा शहर में पूरा आकाश लाल नजर आ रहा था। लोगों में डर इस बात को लेकर भी है कि ये ज्वालामुखी 2002 में फूटा था और उस वक्त सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 250 लोगों की मौत हुई थी जबकि 1 लाख 20 हजार लोग बेघर हो गये थे। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक ज्वालामुखी विस्फोट के बाद हजारों हजार लोग अपना सामान बांधकर शहर से बाहर जा रहे हैं। लोगों के हाथ में चटाई और कुछ जरूरी सामान ही दिख रहे हैं। रवांडा के पूर्वी हिस्से में हजारों लोग शरण लेने के लिए जा रहे हैं। शहर के लोग सरकार की घोषणा से पहले ही शहर को छोड़ने की कवायद कर रहे हैं, जबकि ज्वालामुखी विस्फोट के कई घंटे बाद सरकार की तरफ से शहर खाली कराने का ऑर्डर आया है।
RDC: Umuriro uri kuva mu kirunga cya Nyiragongo watangiye gusatira ibice bimwe by’umujyi wa Goma pic.twitter.com/ZvNYmv98tI
— VERITASINFO (@veritasinf) May 22, 2021
रवांडा के अधिकारियों के मुताबिक अब तक 3 हजार से ज्यादा लोग शरण लेने के लिए रवांडा पहुंच चुके हैं और अभी संभावना है कि कई हजार लोग कांगो के गोमा शहर से शरण लेने के लिए रवांडा पहुंचे। न्यूज एजेंसी एसोसिएट प्रेस से बात करते हुए एक स्थानीय नागरिक ने कहा कि ‘हमारी मानसिक स्थिति काफी खराब है। हम काफी डरे हुए हैं। हर कोई दहशत में है और अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित जगहों की तरफ भाग रहे हैं। हमें कुछ समझ नहीं आ रहा है कि हम इस वक्त क्या करें।’
Oh god. The Nyiragongo volcano in eastern Democratic of Congo is erupting. For now, it seems to be heading away from Goma, a densely populated city of 670,000 & few resources. Hoping desperately the winds don't change. Here's the volcano when I flew over it in 2014, & Goma itself pic.twitter.com/RIhVZ9UKy4
— Lauren Wolfe (@Wolfe321) May 22, 2021
रिपोर्ट के मुताबिक माउंट न्यारागोंगो की पहाड़ी पर ज्वालामुखी का नया मुंह फूटा है, जिसकी वजह से काफी ज्यादा लावा बाहर निकल रहा है जो गोमा शहर के दक्षिणी हिस्से की तरफ बह रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक ये लावा एयरपोर्ट की तरफ बह रहा है। वहीं, ज्वालामुखी विस्फोट के बाद पूरे शहर की बिजली काट दी गई है वहीं गोमा शहर को बेनी शहर से जोड़ने वाला हाईवे ज्वालामुखी की चपेट में आया हुआ है और रिपोर्ट के मुताबिक हाईवे पर ज्वालामुखी का लावा आ गया है। वहीं, विरूंगा नेशनल पार्क के अधिकारी, जहां ये ज्वालामुखी स्थिति है, उन्होंने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए लोगों से बिना एक पल की देर किए शहर को खाली करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि ‘ 2002 जैसा ज्वालामुखी ही इस बार भी फूटा है और ये काफी ज्यादा खतरनाक है इसीलिए एयरपोर्ट एरिया में जो भी लोग मौजूद हैं, वो बिना देर किए यहां से भागें’।
BREAKING Mr Nyiragongo in DRC is erupting – video from colleagues in DRC. Hoping people can get away pic.twitter.com/vL8hm6vjPE
— Dr. Paula Kahumbu (@paulakahumbu) May 22, 2021
वहीं, कांगो की संचार मंत्री पैट्रिक मुआवे ने ज्वालामुखी फुटने का वीडियो ट्वीट किया है। जिसमें देखा जा सकता है कि ज्वालामुखी से कितना खतरनाक लावा निकल रहा है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि ‘ज्वालामुखी फूटने के बाद सरकार की तरफ से आपातकालीन कदम उठाए जा रहे हैं। प्रधानमत्री ने आपातकालीन मीटिंग बुलाया है। लोगों को सलाह दी जाती है कि वो शांत रहे। लोग घबराए हुए हैं और उनतक सोशल मीडिया के जरिए गलत अफवाहें भी फैल रही हैं, इसीलिए सब शांत रहें।’
गौरतलबा है कि माउंट न्यारागोंगो ज्वालामुखी दुनिया के सबसे ज्यादा एक्टिव ज्लालामुखियों में से एक है लेकिन सबसे चिंता की बात ये है कि इस ज्वालामुखी पर सरकार की तरफ से ध्यान नहीं दिया जाता है और इसकी मॉनिटरिंग सावधानी से नहीं की जाती है। वहीं, इस ज्वालामुखी को लेकर विश्वबैंक की तरफ से जो फंडिंग दी जा रही थी, वो भी रोक दिया गया है, क्योंकि ज्वालामुखी से जुड़े अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। वहीं, बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक 10 मई को इस ज्वालामुखी में विस्फोट होने की चेतावनी जारी की गई थी। आपको बता दें कि इस ज्वालामुखी ने सबसे ज्यादा खौफ 1977 में बरपाया था जब 600 से ज्यादा लोग मारे गये थे।