पाक आर्मी चीफ बाजवा ने की गुप्त बैठक, विशेषज्ञों ने कहा तख्तापलट के आसार बढ़े

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान मुश्किलों में घिर सकते हैं। ज्ञात हो कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जावेद बाजवा ने हाल ही में देश के प्रमुख कारोबारियों से गुप्त मुलाकात की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेना प्रमुख की कारोबारियों के साथ यह तीसरी मुलाकात थी। यह एक गुप्त मुलाकात थी इसीलिए इस मुलाकात की कोई भी जानकारी नहीं मिल रही है।

सिटी बैंक के पूर्व अफसर यूसुफ ने कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में दखल है। सेना का काम देश की हिफाजत से आगे नहीं होना चाहिए। पाकिस्तान पहले ही कई बार सैन्य शासन से गुजर चुका है। बाजवा का नया कदम तख्तापलट की तरफ उठाया गया नर्म कदम है। इससे ज्यादा कुछ नहीं। इसके बेहद गंभीर परिणाम होंगे।

एक तरफ पाकिस्तान अर्थव्यवस्था की बुरी मार झेल रहा था तो दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 के हटने के बाद वह और भी ज्यादा लाचार हो गया। ऊपर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को घेरने की मंशा पर भी पानी फिर गया था। पाकिस्तान में जहां सेना पहले से ही सरकार की तुलना में ज्यादा मजबूत और ताकतवर नजर आती है। वहीं अब जनरल बाजवा की गुप्त बैठक के बाद चिंताएं और भी ज्यादा बढ़ गई हैं।

मिलिट्री ऑफिसेज में हुई इन बैंठकों की बात करें तो सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेना प्रमुख ने बैठक में कारोबारियों से पूछा कि कैसे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को सुधारा जा सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी सेना पाकिस्तान के मौजूदा हालातों से दुखी है और वह इससे लिए सुधार की तरफ आगे बढ़ना चाहती है। हालांकि इस मामले में कोई भी प्रवक्ता टिप्पणी नहीं कर रहा है।

ज्ञात हो कि पाकिस्तान सेना द्वारा सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप किए जाने के बाद ऐसी आशंकाएं जताई जा रही हैं कि पाकिस्तान में एक बार फिर से तख्तापलट हो सकता है। साथ ही यह इमरान खान के लिए एक प्रश्नचिह्व से कम नहीं है। पाकिस्तान के 72 साल के इतिहास में कई बार ऐसा हो चुका है कि पाकिस्तान सेना ने तख्तापलटा हो।

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