जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब अमेरिकी पत्रकार ने उठाया अल्पसंख्यकों से जुड़ा सवाल, तो Pm मोदी ने दिया करारा जवाब
न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार को घेरने के लिए अल्पसंख्यकों का मुद्दा उठाया जाता है। भारत से लेकर विदेशों तक एक ऐसा सिंडिकेट है जो प्रधानमंत्री मोदी को अल्पसंख्यक विरोधी साबित करने के लिए अलग-अलग तरीके से नैरेटिव तैयार करता है। प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ माहौल बनाने के लिए विभिन्न मंचों पर आवाज उठाता हैं। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने एक झटके में तथाकथित अल्पसंख्यक हितैषियों की पूरी मुहिम की हवा निकाल दी है। अमेरिका की धरती से प्रधानमंत्री मोदी ने अल्पसंख्यकों को लेकर सवाल उठाने वालों और घड़ियाली आंसू बहाने वालों को करारा जवाब दिया है।
दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार (22 जून, 2023) को अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान एक महिला पत्रकार ने प्रधानमंत्री मोदी से भारत में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव से जुड़ा सवाल किया। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले महिला पत्रकार के सवाल को बड़े ध्यान से सुना। उसके बाद उन्होंने हिन्दी में जो जवाब दिया, वो भारत के विपक्षी दलों और मोदी विरोधियों के लिए एक बड़ा झटका था। अक्सर विपक्ष और मोदी विरोधी भारत में लोकतंत्र खत्म होने और संविधान पर हमले की बात करते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने जिस मजबूती और बेबाकी के साथ अपनी बात रखी, वो उनके दुष्प्रचार पर कड़ा प्रहार था।
Addressing the press meet with @POTUS @JoeBiden. https://t.co/qWx0tH82HH
— Narendra Modi (@narendramodi) June 22, 2023
महिला पत्रकार के सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मुझे आश्चर्य हो रहा है कि आप कह रही हैं कि लोग कहते हैं। लोग कहते नहीं, भारत डेमोक्रेसी है। और जैसा राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा भारत और अमेरिका दोनों के डीएनए में लोकतंत्र है। लोकतंत्र हमारी आत्मा है। लोकतंत्र हमारे रगों में है। लोकतंत्र को हम जीते हैं। हमारे पूर्वजों ने उसको शब्दों में ढाला है संविधान के रूप में। और हमारी सरकार लोकतंत्र के मूलभूत मूल्यों को आधार लेकर के बने हुए संविधान के आधार पर चलती है। और हमारा संविधान और हमारी सरकार…और हमने सिद्ध किया है डेमोक्रेसी के डिलीवर…जब मैं डिलीवर कहता हूं तब…जाति, पंथ, धर्म, लिंग… किसी भी भेदभाव को वहां जगह नहीं होती है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, “और जब लोकतंत्र की बात करते हैं तब अगर मानव मूल्य नहीं है, मानवता नहीं है, मानवाधिकार नहीं है, तो फिर वो लोकतंत्र है ही नहीं। और इसलिए जब आप लोकतंत्र कहते हैं, जब लोकतंत्र को स्वीकार करते हैं और जब हम लोकतंत्र को लेकर के जीते हैं तब भेदभाव का सवाल ही नहीं उठता है। और इसलिए भारत ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ उन मूलभूत सिद्धांतों को लेकर के हम चलते हैं। भारत में सरकार के जो लाभ है, वो सबके लिए उपलब्ध है… जो भी उसके हकदार है… उन सबको मिलते हैं। इसलिए भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों में कोई भेदभाव नहीं है… न धर्म के आधार पर, न जाति के आधार पर, न उम्र के आधार पर, न भू भाग के आधार पर।”
#WATCH | "We are a democracy…India & America both have democracy in our DNA. Democracy is in our spirit & we live it and it's written in our Constitution…So no question of discrimination on the grounds of caste, creed or religion arises. That is why, India believes in sabka… pic.twitter.com/orVkCVkLLf
— ANI (@ANI) June 22, 2023