G-7 का बढ़ा प्रेशर तो WHO की भी निकली आवाज, चीन को बोला- कोरोना उत्पत्ति की जांच में मदद करो
न्यूज़ डेस्क। दुनिया भर में पिछले डेढ़ साल से कोरोना वायरस ने तबाही मचा रखी है। करोड़ों लोग इसकी चपेट में आए, जबकि लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई। वहीं चीन पर कोरोना वायरस को वुहान लैब में बनाने के आरोप लगते रहे हैं। इसकी जांच को लेकर अब ड्रैगन पर दबाव बढ़ता जा रहा है। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस घेबियस ने चीन से कोविड-19 की उत्पत्ति की चल रही जांच में सहयोग करने को कहा है।
द वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्ल्यूएसजे) की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ग्रुप ऑफ सेवन (जी7) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद डॉ टेड्रोस ने ये बात कही। WHO के महानिदेशक ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अब जब वायरस के ओरिजन की जांच का अगला चरण चल रहा होगा तो बेहतर सहयोग और ट्रांसपेरेंसी होगी। उन्होंने कहा “जैसा कि आप सब जानते हैं कि हमें इस वायरस की उत्पत्ति को समझने या जानने के लिए पारदर्शिता की आवश्यकता है और इसलिए हमें चीनी पक्ष से सहयोग चाहिए। इससे पहले रिपोर्ट जारी होने के बाद डेटा साझा करने में कठिनाइयां थीं, खासकर रॉ डेटा में।” द वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार उन्होंने आगे कहा कि जांच के अगले कदम की तैयारी चल रही है। साथ ही जी-7 के नेताओं ने शनिवार को वायरस की उत्पत्ति के मुद्दे पर चर्चा की है।
ज्ञात हो कि कुछ समय पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा था कि वो चीन को मजबूर नहीं कर सकता कि चीन वायरस की उत्पत्ति को लेकर और अधिक आकड़े पेश करे। दरअसल, डब्लूएचओ ने कहा था कि चीन पर दबाव बनान उचित नहीं लेकिन इस बात की जांच लगातार चलती रहेगी कि आखिरकार वायरस कहां से आया और कैसे इस तरह दुनियाभर में फैल गया।
उल्लेखनीय कि चीन अपनी लैब से वायरस लीक के इन आरोपों को लगातार खरिज करता रहा है। उसका कहना है कि वायरस वुहान में फैलने से पहले दूसरे इलाकों में फैला था। चीन का कहना है कि हो सकता है वायरस बाहर से आए खाने की शिपमेंट या जंगली जानवरों, व्यापार के जरिए चीन में फैला हो। डॉ. फासी ने बताया कि उनका मानना है कि कोरोना वायरस पहले जानवरों के जरिए इंसानों में फैला था। इस पर नए सिरे से फिर से जांच करना बेहद ही जरूरी है। इसकी जांच आगे जारी रहनी चाहिए।
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के शीर्ष चिकित्सा सलाहकार एंथनी फौसी ने चीन से वुहान की लैब में काम करने वाले तीन लोगों का मेडिकल रिकॉर्ड जारी करने को कहा था। माना जा रहा था कि इन लोगों की मेडिकल रिपोर्ट इस बात का अहम सुराग दे सकती हैं कि कोविड-19 की उत्पत्ति पहली बार वुहान की लैब से ही हुई या नहीं।