कृषि कानूनों के विरोध में RLP ने भी छोड़ा NDA का साथ, अकाली दल व शिवसेना की राह पर चले हनुमान बेनीवाल

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के विरोध में सांसद एवं आरएलपी अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने एनडीए से अलग होने की घोषणा कर दी है। अकाली दल के बाद यह दूसरी पार्टी है, जो कृषि कानून के खिलाफ एनडीए से अलग हो गई है। हनुमान बेनीवाल ने शनिवार को NDA से अलग होने की घोषणा की।

राजस्थान के अलवर जिले के शाहजहांपुर में किसान रैली को संबोधित करते हुए बेनीवाल ने कहा, ” मैं राजग के साथ ‘फेविकोल’ से नहीं चिपका हुआ हूं। आज, मैं खुद को राजग से अलग करता हूं।” बेनीवाल ने विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में शुक्रवार को किसानों के समर्थन में दिल्ली कूच का ऐलान किया था। जयपुर-दिल्ली राजमार्ग पर राजस्थान-हरियाणा की सीमा के पास शाहजहांपुर में किसान पिछले 14 दिनों से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।

इससे पहले हजारों की तादात में किसानों के साथ दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले हनुमान बेनीवाल ने यह स्पष्ट कर दिया था कि भाजपा को अब अपना जवाब देना होगा। किसानों से संबंधित इस मुद्दे को अब एक महीने से अधिक लंबा वक्त होने को जा रहा है। शनिवार को ‘दिल्ली चलो’ के लिए तैयार हजारों की संख्या में किसान जयपुर के पास कोटपूतली में एकत्रित हुए थे।

बेनीवाल ने बताया था कि लगभग 2 लाख किसान मेरे साथ दिल्ली के लिए मार्च कर रहे हैं और इस दौरान हम एनडीए के साथ हमारे गठबंधन के बारे में भी निर्णय लेंगे। यदि कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते हैं, तो हम एनडीए के साथ अलग होने की घोषणा करेंगे।”

राष्ट्रीय राजधानी में वह केंद्र द्वारा पारित तीन किसान कानूनों को रद्द किए जाने के मांग को लेकर वह किसानों के प्रति एकजुटता दिखाएंगे। आरएलपी के एक कार्यकर्ता ने बताया, “राज्य के विभिन्न हिस्सों से किसान यहां जमा हो रहे हैं। हम विवादास्पद कृषि कानूनों की वापसी की मांग के लिए एक महीने से विरोध कर रहे हमारे किसान भाइयों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए दिल्ली कूच करेंगे।”

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