अभिव्यक्ति की आजादी अनंत नहीं…तांडव के एक्टर जीशान अयूब, निर्माताओं और अमेजन प्राइम वीडियो को सुप्रीम कोर्ट से झटका
नई दिल्ली। वेबसीरीज तांडव में हिंदू देवताओं पर आपत्तिजनक दृश्यों को दिखाए जाने को लेकर घिरे एक्टर, निर्माताओं और अमेजन प्राइम इंडिया को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है। सुप्रीम कोर्ट ने एक्टर मोहम्मद जीशान अयूब, अमेजन प्राइम वीडियो (इंडिया) और तांडव के निर्माताओं को उनके खिलाफ दर्ज कई FIR में गिरफ्तारी से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अग्रिम जमानत या FIR रद्द कराने के लिए वे हाई कोर्ट में गुहार लगाएं। कोर्ट ने यह भी कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी अनंत नहीं है।
Breaking: "You Cannot Hurt Religious Sentiments":Supreme Court Refuses Interim Protection To Makers Of Tandav Against Multiple FIRs @PrimeVideo,@PrimeVideoIN,@Mdzeeshanayyub,@iHimanshuMehra,@_gauravsolanki https://t.co/gcR2LrfLGO
— Live Law (@LiveLawIndia) January 27, 2021
जस्टिस अशोक भूषण की अगुआई में 3 जजों की बेंच ने तांडव वेब सीरीज के एक्टर और निर्माताओं की ओर से उनके खिलाफ छह राज्यों में दर्ज FIR को क्लब करने की मांग पर नोटिस जारी किया है। हालांकि, जस्टिस आरएस रेड्डी और एमआर शाह ने अंतरिम जमानत देने की अपील ठुकरा दी।
वेबसीरीज के एक्टर और निर्माता धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और धर्म के अपमान को लेकर आपराधिक मामलों से घिरे हुए हैं, जोकि भारतीय दंड संहिता की धारा 153A और 295 के तहत दंडनीय अपराध है।
बेंच ने कहा, ”आपके अभिव्यक्ति की आजादी असीमित नहीं है। आप ऐसे चरित्र की भूमिका नहीं निभा सकते जो किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाए।” आरोपियों को 20 जनवरी को बॉम्बे हाई कोर्ट ने तीन सप्ताह की अवधि के लिए गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की थी। जिससे वे इलाहाबाद हाई कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल कर सकते थे। आरोपी सभी मामलों में सुरक्षा की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।