बंगाल चुनाव में दिखा चीन और ममता का कनेक्शन, चीनी भाषा में प्रचार कर रही है TMC, दीवार में दिखे चीनी में स्लोगन
न्यूज़ डेस्क। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस चीनी भाषा में प्रचार कर रही है। तृणमूल कांग्रेस की ओर से टेंगरा इलाके में चीनी भाषा में दीवार लेखन कर चुनाव प्रचार किया जा रहा है। क्षेत्र के TMC उम्मीदवार जावेद खान चीनी भाषा में दीवार लेखन कर यहां रहने वाले लोगों से वोट मांग रहे हैं। चीनी भाषा में TMC के नारों और वोट मांगने के स्लोगन से यहां की दीवारें रंगी हुई हैं।
उधर सोशल मीडिया पर भी टीएमसी के समर्थकों द्वारा चीनी भाषा में प्रचार किया जा रहा है। दक्षिण कोलाकात के टेंगरा इलाके को चाइना टाउन कहा जाता है। जहां कुछ चीन मूल के लोग रहते हैं, जो बांग्ला और अंग्रेजी समझते हैं। सवाल उठाए जा रहे हैं कि जब कोलकाता में रहने वाले चीनी मूल के लोग बांग्ला, हिंदी और अंग्रेजी बोलने और समझते हैं, तो आखिर टीएमसी को चीनी भाषा में प्रचार करने की जरूरत क्यों हो रही है।
Interesting indeed! This is screenshot from an anti-#BJP campaign by #trinamool & #MahuaMoitra supporters 4 #WestBengalElections2021 It appealed in many Indian languages. But why in #Chinese? A few Chinese origin people still live in #kolkata. But they speak bengali, English pic.twitter.com/1mc03jh6fU
— Pratim Ranjan Bose (@pratimbose) March 12, 2021
सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि इससे पश्चिम बंगाल चुनाव में चीन का प्रभाव स्पष्ट दिखाई दे रहा है। चीन बीजेपी के खिलाफ टीएमसी, कांग्रेस और वाम दलों की मदद कर रहा है। टीएमसी के नेता चीन के साथ मिलकर सोशल मीडिया पर बीजेपी के खिलाफ ‘खेला होबे’ और ‘No vote to BJP’ अभियान चला रहे हैं।
It is clear that TMC & Left-Congress alliance getting help from China. Do Chinese have huge influence in Bengal elections?
Why TMC #MahuaMoitra has connected #KhelaHobe campaign with China? Fishy na?
— PoliticsSolitics (@IamPolSol) March 13, 2021
Ebar TMC o bolche – China's Chairman is our Chairman.
— Amit Dahal (@AmitDahal) March 12, 2021
गौरतलब है कि चीन और पश्चिम बंगाल के बीच गहरी समानता रही है। पश्चिम बंगाल में लंबे समय तक वामपंथियों की सरकार रही है। वाममोर्चा का संबंध अक्सर चीन से जोड़ा जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वर्ष 1960 और 1970 के समय में कोलकाता की दीवारों पर ‘चीन का चेयरमैन ही हमारा चेयरमैन है’ के नारे दिखाए देते थे, जिन्हें माओवादियों ने लिखा होता था। हालांकि यह नारे बंगाली में लिखे होते थे। अब वामपंथियों की जगह चीनी भाषा में प्रचार कर रही है TMC ने ले ली है।