योगीराज में जारी है बेटियों का दहन: 3 पर तेजाब फेंका, 1 ने खुद को लगाई आग
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मंगलवार का दिन अमंगलकारी रहा। योगी सरकार के राज में बेटियों पर वहशियत चरम पर है। मंगल को ही सुबह सवेरे गोंडा में सो रही तीन बेटियों के ऊपर तेजाब फेंककर हमला किया गया। दोपहर होते होते एक और बड़ी वारदात सामने आई। मुख्यमंत्री दफ्तर के बगल में ही बीजेपी कार्यालय के सामने महिला ने खुद को आग के हवाले कर लिया।
यूपी विधानसभा के बाहर महिला ने खुद को लगाई आग।। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार अंजना तिवारी ने धर्म बदलकर एक मुस्लिम शख्स के साथ निकाह किया था. धर्म बदलने के बाद अंजना का नाम आइसा रखा गया था. फिलहाल, महिला का पति सऊदी अरब में है. पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है. @Uppolice pic.twitter.com/eUBEAllc0h
— Shivam Pratap Singh (@shivampratapsi4) October 13, 2020
गोंडा मामले में आरोपियों की पहचान नहीं
गोंडा तेजाब मामले में पुलिस अभी तक आरोपियों की पहचान तक नहीं कर सकी है। यहां तक कि घटना को लेकर कोई सुराग भी पुलिस के हाथ नहीं लगा है। कानून -व्यवस्था के मामले में लोगों का भरोसा अब प्रशासन से उठने लगा है। जबकि विपक्षी पार्टियां राजनीति करने से बाज नहीं आ रही हैं। परसपुर थाना इलाके के पसका गांव में दलित परिवार की तीन बेटियां अपने घर की छत पर सो रही थीं। घर के निचले हिस्से में ही पिता भी सो रहे थे। रात ढाई बजे के करीब किसी ने बच्चियों पर तेजाब से हमला किया। तेजाब से जलने वालों में बड़ी बेटी 17 साल की हैं। जबकि बाकी दोनों बहनों की उम्र 12 साल और 8 साल बताई जाती है।
गोंडा में तीन दलित बहनों पर फेंका तेजाब, विधानसभा के सामने महिला ने खुद को लगाई आग ,चित्रकूट में रेप पीड़िता ने की खुदकुशी!!!@Uppolice @dgpup @AwasthiAwanishK @UPGovt @HomeDepttUP @Editor__Sanjay @4pmnewsnetwork @Live_Gyan @PMOIndia @HMOIndia pic.twitter.com/E9u9HuVxh9
— Satya Prakash | सत्य प्रकाश | ਸੱਤਿਆ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ (@Satyalivelko) October 13, 2020
उन्हें शुरू में यह अहसास नहीं हुआ कि तेजाब डाला गया है लेकिन जब चीखती हुई सब छत से नीचे उतरकर आईं तो पता चला कि तेजाब डाला गया है। पसका चौकी इंचार्ज उमेश वर्मा के अनुसार तीनों का जिला अस्पताल में इलाज हो रहा है। पीडि़त परिवार ने किसी के खिलाफ शिकायत नहीं दी है । मामले की जांच की जा रही है। वहीं लव जेहाद को लेकर बीजेपी दफ्तर के सामने महिला के आत्मदाह के प्रयास ने तो शासन के होश ही फाख्ता कर दिये। क्या बेटियों को अपनी बात ऊपर तक पहुंचाने के लिए खुद को आग के हवाले करना पड़ता है?