बिहार : वैवाहिक समारोह में सड़कों पर बैंड-बाजा और नाचने की मनाही, नियम तोड़ने वालों का होगा ये हाल…
पटन। बिहार में भी कोरोना के संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। जिसको देखते हुए नीतीश कुमार सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। बिहार सरकार ने नई गाइडलाइन जारी करते हुए शादी समारोह में अधिकतम 100 लोगों के शामिल होने के निर्देश दिए हैं। सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देश के मुताबिक शादियों में सड़क पर बैंड-बाजा बजाने और डांस करने पर रोक लगा दी गई है।
गृह विभाग के सचिव आमिर सुबहानी ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि गृह विभाग द्वारा नई गाइड लाइन जारी की गई है, जो तीन दिसंबर तक लागू रहेगी। नए दिशा निर्देश के मुताबिक वैवाहिक कार्यक्रम में अधिकतम 100 व्यक्ति (स्टाफ सहित) की उपस्थिति की ही अनुमति रहेगी। वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों को मास्क या फेस कवर लगाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा आने वाले लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी।
सड़क पर बैंड बाजा के साथ नाचना मना
सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देश के मुताबिक शादियों में सड़क पर बैंड-बाजा बजाने और डांस करने पर रोक लगा दी गई है। हालांकि विवाह स्थल पर बैंड बाजा बजाने पर रोक नहीं है। निर्देश में कहा गया है, “सड़कों पर बैंड बाजा एवं बारात के जुलूस की अनुमति नहीं रहेगी, हालांकि वैवाहिक समारोह स्थल में इसकी अनुमति दी जा सकेगी।” इसके अलावा अब श्राद्ध कार्यक्रमों में अधिकतम 25 लोग ही शामिल हो सकेंगे। सरकार के निर्देश के मुताबिक इसमें पंडित से लेकर श्रद्घांजलि देने आने वाले लोगों की संख्या शामिल है। श्राद्ध के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर मास्क जैसे नियमों का पालन किया जाएगा।
कार्तिक पूर्णिमा पर संयम का आदेश
बिहार सरकार ने लोगों से कार्तिक पूर्णिमा के दौरान नदियों और जलाशयों में स्नान के दौरान सतर्क रहने की अपील की है। सरकार के दिशा निर्देश के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए कोविड 19 के संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा कि भीड़भाड तथा जल संक्रमित होने की स्थिति में संक्रमण फैलने का खतरा होगा। ऐसे में लोगों को नदियों में नहाने से परहेज करना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा में 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों, गर्भवती महिलाओं तथा 10 साल तक के बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है।
नियम तोड़ने पर क्या हो सकती है कार्रवाई?
शादी ब्याह को लेकर जारी गाइडलाइन भंग करने की स्थिति में सजा और जुर्माने का प्रावधान है। प्रशासन को अख्तियार होगा कि वो नियम तोड़ने वालों को अरेस्ट कर लें। अगर कोर्ट में मामला जाता है तो एक साल की जेल के साथ जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। विरोध की स्थिति में प्रशासन तत्काल शादी की रस्में रुकवा सकता है। डिजाजस्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की विभिन्न धाराओं के तहत कोविड 19 गाइडलाइन्स का अनुपालन नहीं करने वालों को सजा दी जा सकती है।
पड़ोसी राज्य यूपी में गाजे बाजे पर रोक नहीं
बिहार और यूपी के पूर्वांचल हिस्से में वैवाहिक संबंध होते रहे हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश के नियम की चर्चा करनी भी जरूरी है। यूपी के मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि शादी समारोहों में गाजे बाजे और बैंड पर कोई रोक नहीं होगी। कोरोना के बढ़ते प्रसार के बावजूद सरकार ने दलील देते हुए लोगों को कई राहत दिये हैं। इससे पहले शादी ब्याह के आयोजन से पहले स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेनी होती थी। अब उत्तर प्रदेश की सरकार ने ये बाध्यता खत्म कर दी है। मतलब ये कि अगर यूपी से बारात आ रही है तो बिहार की सीमा के बाद बैंड बाजा वालों को चुप रहना होगा। साथ ही सीमा पार करते ही सड़क पर नाच गाने की नुमाईश भी नहीं हो सकेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने चेताया है कि अगर पुलिसकर्मी विवाह आयोजन के दौरान परेशान करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है।