कांग्रेस समेत 12 विपक्षी पार्टियाँ किसानों के साथ 26 मई को मनाएँगी ‘काला दिवस’: SKM को दिया समर्थन, कोरोना में जुटेगी भीड़
नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा (Skm) ने कृषि कानूनों के विरोध में 26 मई को देशव्यापी काला दिवस मनाने का फैसला किया है। रविवार (23 मई 2021) को कांग्रेस समेत 12 बड़ी विपक्षी पार्टियों ने संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के आह्वान का समर्थन किया है। इसमें पाँच मौजूदा मुख्यमंत्री भी शामिल हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना संकट के बीच संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) 26 मई को देशव्यापी काला दिवस मनाने की बात कह रही है। इस दिन किसान आंदोलन को शुरू हुए 6 महीने पूरे हो जाएँगे।
12 विपक्षी दलों की तरफ से संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के समर्थन में जारी किए गए ताजा बयान में 23 मई को लिखे गए पत्र का भी जिक्र किया गया है, जिसमें नए कृषि कानूनों को वापस लेने की माँग की गई थी। इसमें कहा गया था कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए। इससे आंदोलन कर रहे किसान सीमाओं से लौट जाएँगे और लाखों अन्नदाताओं को महामारी का शिकार होने से बचाया जा सकता है। कृषि कानूनों को तत्काल निरस्त करने के अलावा विपक्षी नेताओं ने स्वामीनाथन आयोग द्वारा अनुशंसित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) C2+50 प्रतिशत के कानूनी अधिकार की माँग भी की।
We extend our support to the call given by the Samyukta Kisan Morcha (SKM) to observe a countrywide protest day on May 26, marking the completion of six months of the heroic peaceful Kisan struggle.
– Joint Statement by 12 Major Opposition Parties pic.twitter.com/pfIByd3vjI
— Congress (@INCIndia) May 23, 2021
संयुक्त बयान पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (TMC), महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे (शिवसेना), तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन (डीएमके), फारूक अब्दुल्ला (जेकेपीए), अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी), तेजस्वी यादव (RJD), डी राजा (सीपीआई), सीताराम येचुरी (सीपीआई-एम) और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (झामुमो) ने हस्ताक्षर किए हैं।
वहीं, बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के बीच भी हजारों किसान रविवार (23 मई 2021) को हरियाणा के करनाल से दिल्ली के लिए रवाना हुए। यहाँ वे 26 मई को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाने की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा ये भी खबरें सामने आई हैं कि पंजाब के संगरूर से भी कई लोग दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं। मालूम हो कि पिछले साल सितंबर में तीन कृषि बिल संसद में पारित किए गए थे और बाद में राष्ट्रपति की सहमति के बाद इसे कानून बनाया गया था।
गौरतलब है कि 40 किसान संगठनों के संघ (SKM) ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे छह महीने के आंदोलन को चिह्नित करने के लिए 26 मई को ‘ब्लैक डे’ का आह्वान किया था।