बिहार विधान परिषद बना देश का पहला डिजिटल सदन, कागज वाले फाइल की जगह अब हर टेबल पर होगी टैब
पटना। बिहार विधान परिषद का शीतकालीन सत्र अब बिल्कुल बदला-बदला नजर आने वाला है। संपूर्ण सदन को हाईटेक बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में बिहार विधान परिषद में नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण, बिहार सरकार में मंत्री शाहनवाज़ हुसैन सहित कई मंत्री उपस्थित रहे। बिहार विधान परिषद पेपरलेस बनने वाला देश का पहला सदन बना गया है जहां की कार्यवाही पूरी तरह डिजिटल माध्यम से होगी।
विधान परिषद में हर रोज सवालों के जवाब दिए जाते हैं। सभी सदस्यों को इसकी प्रतियां दी जाती हैं। फिलहाल 75 सदस्य हैं। प्रतियां वितरित करने के लिए और कार्यालय कार्य के लिए होती हैं। इसके अलावा अभिलेखों के लिए भी कुछ प्रतियां रखी जाती हैं। प्रश्नोत्तर के अलावा कार्यसूची की भी प्रतियां हर रोज इस्तेमाल होती हैं। विभिन्न नियमों के तहत उठने वाले सवाल, सूचनाओं की भी इतनी ही प्रतियां इस्तेमाल हाती हैं। लेकिन अब विधान परिषद में सदन के अंदर सभी सदस्यों के लिए टेबल पर अब कागजों का फाइकी प्रतियां ल नहीं बल्कि टैब दिखेंगे। परिषद के सदस्य अब उसी पर अपने सभी सवालों का जवाब देख सकेंगे। साथ ही सदन में 4 बड़े स्क्रीन भी लगाए गये हैं, जिस पर पीछे बैठे सदस्य, प्रेस दीर्घा, दर्शक दीर्घा में बैठे लोग आसानी से सदन की कार्यवाही देख सकेंगे।
ई-विधान कार्यक्रम के तहत बिहार विधान परिषद देश का पहला डिजिटल सदन बन गया है। अब यहां सारे कामकाज डिजिटल माध्यम से ही होंगे। सदन पूरी तरह पेपरलेस होगा।
आज इसका उद्घाटन विधान परिषद् के माननीय सभापति श्री अवधेश नारायण सिंह ने किया। इस कार्यक्रम में माननीय सदस्यों के साथ शामिल हुआ। pic.twitter.com/arFKP4l6SL
— Sanjay Kumar Jha (@SanjayJhaBihar) November 25, 2021
अब प्रश्नकाल, शून्यकाल काल, ध्यानाकर्षण में आए सारे सवालों के जवाब सदन के पटल पर आ जाएंगे, जिससे जनता की समस्याओं को निदान होगा। सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा है कि इससे सदन की सारी समितियों का काम सुचारू रूप से चल सकेगा। कोई भी सदस्य अपनी समस्याओं को सुना सकते हैं। ऑनलाइन सवाल का जवाब भी ऑनलाइन मिलेगा। हम सब डिजिटल रिकार्ड बना रहे हैं, ताकि दो-तीन साल बाद भी दस्तावेज बना रहेगा।