कांवड़ यात्रा 2021: कोरोना की वजह से इस साल भी नहीं होगी कांवड़ यात्रा

नई दिल्ली। साल भर भगवान शिव के भक्त श्रावण मास में कांवड़ यात्रा का इतंजार करते हैं। लेकिन कोरोना वायरस की वजह से इस साल भी कांवड़ यात्रा नहीं होगी। उत्तराखंड सरकार ने अधिकारिक घोषणा करते हुए कहा है कि कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए हम इस साल की कांवड़ यात्र को भी रद्द कर रहे हैं। लगातार ये दूसरा साल है, जब महामारी की वजह कांवड़ यात्रा रद्द की गई है। वार्षिक तीर्थयात्रा 25 जुलाई से शुरू होकर 6 अगस्त 2021 को समाप्त होने वाली थी। कांवरिया अपने-अपने क्षेत्रों में शिव मंदिरों में चढ़ाने के लिए गंगा नदी से पानी ले जाने के लिए हरिद्वार में जुटते हैं। हालांकि उत्तराखंड के अलावा भी बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी कांवड़ यात्रा निकाली जाती है, लेकिन फिलहाल इन राज्यों की ओर से कांवड़ यात्रा को लेकर कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है।

उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना को देखते हुए इस साल की कांवड़ यात्रा को रद्द करने का फैसला राज्य सरकार द्वारा लिया गया है। इसके लिए आधिकारिक आदेश एक-दो दिन में जारी हो जाएगा।

इस साल भी कांवड़ यात्रा रद्द होने धार्मिक पर्यटन बहुत नुकसान होने वाला है। साल 2020 में कांवड़ यात्रा रद्द होने से उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन से अपना गुजारा करने वालों को बुरी तरह से झटका लगा था। कांवड़ियों की वजह से हर साल श्रावण में हरिद्वार और ऋषिकेश के मंदिरों के शहरों में होटल, आश्रम, गेस्ट हाउस और धर्मशालाएं भरी हुई रहती थी। 2 हफ्ते चलने वाली कांवड़ यात्रा से हरिद्वार में 150 करोड़ रुपये का राजस्व हर साल सरकार को मिलता था। लेकिन ये राजस्व पिछले साल 2020 में जीरो था।

सूत्रों के मुताबिक, अगर कोई ऋषिकेश, गौमुख और गंगोत्री को सूची में शामिल करता है, तो कारोबार सालाना 500 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। हालांकि कांवड़ यात्रा रद्द होने का असर उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के उन बिजनेसमैनों पर भी पड़ता है। धार्मिक पर्यटन उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.