केरल में स्टूडेंट ने बनाया माइक-स्पीकर वाला मास्क, कोरोना काल में बातचीत होगी आसान
नई दिल्ली। कोरोना के मुश्किल समय में लोगों पर वायरस का प्रकोप तो है ही लेकिन इसके साथ बाकी कई समस्याएं भी हैं। जिनसे हर रोज हमें जूझना पड़ता है। कोरोना वायरस के आने के बाद मास्क पहनना हमारी जिंदगियों का एक अहम हिस्सा बन गया है। जिससे कई बार हम अपनी बात सामने वाले व्यक्तियों को समझाने लिए संघर्ष करते हैं। कोरोना काल में डटकर काम कर रहे डॉक्टरों को इस समस्या का सामने ज्यादा करना पड़ता है। इस दिक्कत को दूर करनेक के लिए केरल के त्रिशूर में बीटेक फर्स्ट इयर के छात्र केविन जैकब ने माइक और स्पीकर वाला मास्क डिजाइन किया है।
केविन जैकब के माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं और उन्होंने देखा कि कोरोना काल में उन्हें अपने मरीजों से बातचीत करने के लिए संघर्ष करना पड़ा रहा है। एएनआई से बात करते हुएटे जैकब ने कहा, “मेरे माता-पिता डॉक्टर हैं और महामारी की शुरुआत के बाद से, वे अपने मरीजों से बातचीत करने में संघर्ष कर रहे हैं। चेहरे पर मास्क समेत कई परते पहने हुए उनका अपनी बात को स्पष्ट करना बहुत मुश्किल हो रहा था। तभी मेरे मन में ऐसा मास्क बनाने का विचार आया।“
Kerala | Kevin Jacob, a first year B Tech student from Thrissur, has designed a mask with a mic & speaker attached to ease communication amid pandemic
"My parents are doctors & they've been struggling to communicate with their patients since the onset of COVID," he said (23.05) pic.twitter.com/pnvkhzZETt
— ANI (@ANI) May 23, 2021
उन्होंने अपने माता-पिता – डॉ सेनोज केसी और डॉ ज्योति मैरी जोस के साथ पहले इसका प्रोटोटाइप का परीक्षण किया। मांग बढ़ने पर छात्र ने कई मास्क बनाना शुरू कर दिए। बता दें कि गैजेट को तीस मिनट चार्ज करने के बाद लगातार चार से छह घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
जैकेब ने कहा, ” जिन डॉक्टरों ने दिया है, उन्होंने कहा है कि अब उन्हें अपनी बात कहने के लिए दबाव नहीं डालना पड़ रहा है और वे अपने मरीजों के साथ सहजता से संवाद करने में सक्षम हैं। कुल मिलाकर यूजर्स की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही ।” युवा इनोवेटर अब ऐसी कंपनियों की तलाश में है जो इसे बड़े पैमाने पर उत्पादन के अगले स्तर तक ले जा सकें।