महाराष्ट्र में एक और संत पर जानलेवा हमला, आश्रम में घुसकर 7-8 लोगों ने प्रियशरण महाराज को मारा चाकू

न्यूज़ डेस्क। महाराष्ट्र में साधू संतों पर हमले की घटनाएँ लगातार बढ़ती जा रही हैं। पिछले दिनों ही महाराष्ट्र के पालघर में हुई संतों की हत्या मामले में अभी कोई कार्यवाही हो पाई न कोई जाँच और न कोई इन्साफ मिला है और आज औरंगाबाद से एक और संत पर हमले की घटना सामने आ गई है।

खबर है कि इस बार संत प्रियशरण महाराज पर जिले के चौक परिसर के लाडसावंगी मार्ग पर स्थित उनके आश्रम में घुसकर हमला किया गया। हमलावर 7-8 की तादाद में थे। इन्होंने आश्रम में घुसने के लिए पहले उसकी कड़ी तोड़ी और फिर संत से मारपीट करके उनके कंधे पर चाकू से वार भी किया। हैरानी की बात यह है कि यह लोग कोई चोर नहीं थे। ये सिर्फ संत को मारने व धमकाने के लिहाज से आए थे। उन्होंने संत प्रियशरण महाराज को जान से मारने की धमकियाँ भी दी।

ज्ञात हो कि, पूरी घटना बुधवार (नवंबर 11, 2020) की है। फुलबारी पुलिस अब जाँच करने में जुटी है कि आखिर ये लोग कौन थे? अभी तक पुलिस को मारपीट का कारण पता नहीं चल सका है या पुलिस यह पता लगाने में भी असमर्थ है कि महाराज से उपद्रवियों की आखिर क्या दुश्मनी थी। चौका क्षेत्र में सताल शिवारा में राधे गोविंद सेवा मिशन नामक एक आश्रम है। राधा गोविंद सेवा आश्रम में बड़ी संख्या में भक्त आते हैं।

पुलिस के मुताबिक, प्रियशरण महाराज राजस्थान के मूल निवासी हैं। उन्होंने पिछले कुछ सालों से क्षेत्र में एक आश्रम शुरू किया और अब वह वहाँ एक गो-सेवा आश्रम भी चलाते हैं। उनके आश्रम में कई सेवक-सेविकाएँ हैं। इसके अलावा पास में ही एक खेत भी है जहाँ महाराज के अनुयायी रहते हैं।

घटना वाले दिन जब हमलावर आश्रम में घुसे तो उन्होंने पहले एक महिला को धमकाया। इसके बाद उससे महाराज का पता पूछा और फिर उनके साथ मारपीट की। इस दौरान महाराज और हमलावरों में हाथापाई भी हुई जिससे वह घायल हो गए। हमलावरों ने प्रियशरण महाराज के कंधे पर चाकू से हमला किया। महाराज को बाद में निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

गौरतलब है कि इससे पहले महाराष्ट्र के पालघर में 16 अप्रैल को गड़चिनचले गाँव में तकरीबन 200 लोगों की भीड़ द्वारा तीन लोगों को कथित तौर पर चोर समझकर मौत के घाट उतार दिया गया था, जिनमें दो साधू और एक उनका ड्राइवर शामिल था।

यह पूरी घटना वहाँ मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों के सामने हुई थी। इसके बाद साधुओं को अस्पताल ले जाया गया था, जहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। जूना अखाड़े के दो साधु महंत सुशील गिरी महाराज (35), महंत चिकने महाराज कल्पवृक्ष गिरी (65) अपने ड्राइवर निलेश तेलगडे (30) के साथ मुंबई से गुजरात के सूरत में अपने साथी के अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे। उन्होंने वैन किराए पर ली थी। कोरोना वायरस के दौरान जारी लॉकडाउन के बीच वे 120 किलोमीटर का सफर तय कर चुके थे।

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