‘ममता बनर्जी का कोई मुकाबला नहीं, BJP धोखेबाज है’, बंगाल की सड़कों पर माफी मांगते घूम रहे भाजपा कार्यकर्ता

कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस (TMC) को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए नेता और कार्यकर्ता अब बैकफुट पर आ गए हैं। पश्चिम बंगाल की सड़कों पर बीजेपी कार्यकर्ता विधानसभा चुनाव में भाजपा का साथ देने के लिए माफी मांगते घूम रहे हैं। भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं ने अब विधानसभा चुनावों में भगवा पार्टी का समर्थन करने के लिए अपना पछतावा व्यक्त करने के लिए सड़क पर उतर आए हैं और लाउडस्पीकर पर माफी मांग रहे हैं। ई-रिक्शा पर बैठकर बीजेपी कार्यकर्ता घोषणा कर रहे हैं कि उन्होंने भाजपा को “गलत समझा” और गलती से बीजेपी में चले गए थे। ये माफीनामे का ऐलान बीरभूम जिले के लाभपुर, बोलपुर और सैंथिया से लेकर हुगली जिले के धनियाखली तक की जा रही है।

इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, बोलपुर के वार्ड नंबर 18 में, एक सार्वजनिक घोषणा प्रणाली के दौरान बीजेपी कार्यकर्ता को कहते सुना गया है, ”हमें टीएमसी छोड़ने के लिए भाजपा द्वारा राजी किया गया था। भाजपा एक धोखेबाज पार्टी है। हमारे पास माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कोई विकल्प नहीं है और हम उनके विकास कार्यक्रम का हिस्सा बनना चाहते हैं।” भाजपा कार्यकर्ता मुकुल मंडल ने कहा, ”मैंने भाजपा को गलत समझा। हम टीएमसी में शामिल होना चाहते हैं।”

सैंथिया में भाजपा के 300 कार्यकर्ताओं का एक समूह ममता बनर्जी के शपथ लेने के बाद टीएमसी में लौट आए हैं। भाजपा कार्यकर्ता ने कहा है, ”हम गलती से बीजेपी में चले गए थे। हम ममता बनर्जी के विकास कार्यों का समर्थन करने के लिए आज से टीएमसी में शामिल हो रहे हैं।” टीएमसी में शामिल होने वाले भाजपा युवा मोर्चा मंडल के पूर्व अध्यक्ष तापस साहा ने कहा, ”मैं भाजपा में कुछ नहीं कर सका। मैं विकास में भाग लेने के लिए टीएमसी में शामिल हो रहा हूं।”

धनियाखली में कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी टीएमसी का समर्थन किया है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से टीएमसी कार्यकर्ताओं को उनके “अहंकारी व्यवहार” के लिए खेद व्यक्त किया।

भाजपा ने आरोप लगाया कि उसके कार्यकर्ताओं की सार्वजनिक माफी के पीछे टीएमसी की “धमकी” की रणनीति है। हुगली भाजपा नेताओं ने दावा किया कि उनके कार्यकर्ताओं को तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया।

इस बीच मुकुल रॉय के एक सहयोगी ने अपनी पार्टी के पद से इस्तीफा दे दिया है, जबकि दूसरे ने भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के बाहर होने का समर्थन किया। मुकुल रॉय के करीबी माने जाने वाले भाजपा के बनगांव उपाध्यक्ष (संगठनात्मक) तपन सिन्हा ने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा है, ”चुनाव के बाद हिंसा हुई थी। एक पार्टी नेता के तौर पर मैं कार्यकर्ताओं की मदद के लिए कुछ नहीं कर सका… मैं किसी को दोष नहीं देना चाहता हूं।”

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