‘मैंगो डिप्लोमेसी’ से दुनिया को खुश करने चला था पाक, अमेरिका तो छोड़िए चीन ने भी कर दी ‘बेइज्जती’
नई दिल्ली। ‘नया पाकिस्तान’ का नारा देकर सत्ता में आए इमरान खान ने पाकिस्तान को न केवल तंगहाल बना दिया है, बल्कि लगातार मुल्क की फजीहत करवा रहे हैं। दूसरे मुल्कों को खुश करने के वास्ते आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान अब ‘मैंगो डिप्लोमेसी’ पर उतर आया है। मगर इसमें भी उसकी बेइज्जती हो गई है। दरअसल, पाकिस्तान दुनियाभर के देशों को तोहफे में आम भेज रहा है। मगर कोई उसके आम को फ्री में भी लेने वाला नहीं मिल रहा है। खुद उसके सदाबहार दोस्त चीन और अमेरिका को पाकिस्तान की ये ‘मैंगो डिप्लोमेसी’ रास नहीं आई है और उन्होंने कोरोना वायरस के क्वारंटाइन नियमों का हवाला देकर इसे स्वीकारने से इनकार कर दिया।
सूत्रों की माने तो, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) ने बुधवार को 32 से अधिक देशों के प्रमुखों को आम की पेटियां भेजी थीं, मगर अमेरिका और चीन ने उन्हें स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, एजेंसी ने द न्यूज इंटरनेशनल का हवाला देते हुए कहा कि कनाडा, नेपाल, मिस्र और श्रीलंका ने भी आम वाले इस उपहार को स्वीकार करने पर खेद व्यक्त किया है।
द न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी की ओर से इन देशों में आम की ‘चौंसा’ किस्म भेजी गई। मामले से परिचित लोगों ने न्यूज इंटरनेशनल को बताया कि आम की पेटियों को ईरान, खाड़ी देशों, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और रूस को भी जाएंगे।
रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की इस सूची में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का भी नाम था, मगर पेरिस ने अब तक कोई प्रतिक्रिया दी है। ज्ञात हो कि पाकिस्तान भारत को भी आम भेजता है। 2015 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधान मंत्री नवाज शरीफ ने दोनों देशों के बीच सद्भावना को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और कांग्रेस पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को आम भेजे थे।
नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि आधिकारिक चैनलों के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आम पहुंचाए गए थे, जबकि पाकिस्तान हम पर अपने हवाई क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने का आरोप लगा रहा था। फलों के राजा के रूप में जाने जाने वाले आम की उत्पत्ति भारतीय उपमहाद्वीप में हुई है और वैज्ञानिक रूप से इसे मैंगिफेरा इंडिका के नाम से जाना जाता है। यह भारत और पाकिस्तान दोनों का राष्ट्रीय फल है। भारत आमों का विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक है और 1200 से अधिक किस्मों का उत्पादन करता है। जबकि पाकिस्तान उस संख्या का एक तिहाई उत्पादन करता है।