मुस्लिम से यह कैसा प्यार? नेता चाहता हैं अजान प्रतियोगिता, पार्टी बोली- मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवाए केंद्र सरकार
मुंबई। पार्टी नेता की ओर से अजान प्रतियोगिता की इच्छा जाहिर करने के बाद घिरी शिवसेना ने पल्ला झाड़ते हुए मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवाने की वकालत की है। शिवसेना ने ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए बुधवार को केंद्र सरकार से मस्जिदों में लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए कहा। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा गया है कि यह ध्वनि प्रदूषण और पर्यावरण से संबंधित मुद्दा है।
संपादकीय में कहा गया है, ”केंद्र को ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के वास्ते मस्जिदों में लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए अध्यादेश लाना चाहिए।” शिवसेना के मुंबई-दक्षिण विभाग के प्रमुख पी सकपाल ने मुसलमान बच्चों के बीच अजान पढ़ने की प्रतियोगिता कराने का सुझाव दिया था, जिसपर विवाद खड़ा हो गया था। इस विवाद के बीच संपादकीय में यह टिप्पणी की गई है।
शिवसेनेने ‘अजान’प्रकरणी हिंदुत्वास सोडचिठ्ठी दिल्याचे जे दात उचकटून बोलत आहेत त्यांच्या दाताडांत ‘ईद’च्या शिरकुरम्याची, बिर्याणीची शिते अडकल्याची साग्रसंगीत छायाचित्रेच प्रसिद्ध झाली आहेत. #saamanaeditorialhttps://t.co/oSkmc8856e
— Saamana (@SaamanaOnline) December 2, 2020
संपादकीय में कहा गया है कि शिवसेना नेता द्वारा अजान की प्रशंसा किए जाने की भाजपा द्वारा आलोचना किया जाना ठीक वैसा ही है, जैसा दिल्ली की सीमाओं पर (नए कृषि कानूनों के खिलाफ) प्रदर्शन कर रहे किसानों को ‘पाकिस्तानी आतंकवादी’ कहना।
लेख में कहा गया है प्रदर्शनकारी किसानों में अधिकतर लोग वे हैं जो पूर्व सैनिक रह चुके हैं या जिनके बच्चे देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। ‘सामना’ के मराठी संस्करण में कहा गया है, ”किसानों को आतंकवादी कहने वालों से हम क्या उम्मीद कर सकते हैं। ट्रोल करने वालों को लगता है कि शिवसेना ने हिंदुत्व छोड़ दिया है, लेकिन ईद के पकवान खाते हुए उनकी (भाजपा नेताओं) तस्वीरों पर कोई कुछ नहीं बोलता।” संपादकीय में कहा गया है, ”हम इसे इसलिए राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाते क्योंकि देश के 22 करोड़ मुसलमान भारतीय नागरिक हैं।”