रिलायंस Jio ने पेश किया स्वदेशी वेब ब्राउज़र JioPages, इन सारे फीचर्स से है लैस यंहा पढ़ें……
न्यूज़ डेस्क। रिलायंस Jio ने जियो ब्राउजर के बाद अब JioPages को लॉन्च कर दिया है। इस वेब ब्राउज़र को क्रोमियम ब्लिंक पर बनाया गया है। JioPages आठ भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करता है और एन्क्रिप्टेड कनेक्शन जैसी सुविधाओं से लैस है। रिलायंस ने अपने स्वदेशी ब्राउज़र को गूगल प्ले पर डाउनलोड करने के लिए एवेलेबल करा दिया है।
रिलायंस Jio का दावा है कि वेब ब्राउज़र में सिक्योरिटी पर खास फोकस किया गया है। ये एक पिन-लॉक इनकॉग्निटो मोड के साथ आता है, साथ ही इसमें इन-ब्लिट एडब्लॉकर भी है। JioPages हिंदी, मराठी, तमिल, गुजराती, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़ और बंगाली भाषाओं को सपोर्ट करता है। आप अपने हिसाब से इसमें लैंग्वेज को सिल्केट कर सकते हैं।
रिलायंस जियो का कहना है कि यूज़र्स को ब्राउजिंग का शानदार एक्सपीरियंस देने के लिए JioPages को फास्ट इंजन माइग्रेशन, अच्छी वेबपेज रेंडरिंग, फास्ट पेज लोड, कुशल मीडिया स्ट्रीमिंग, इमोजी डोमेन सपोर्ट और एन्क्रिप्टेड कनेक्शन जैसी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इसमें विभिन्न भारतीय भाषाओं में समाचार, स्मार्ट डाउनलोड मैनेजर, प्राइवेट ब्राउज़िंग और थीम सपोर्ट को भी शामिल किया गया है।
#JioPages: Faster, Safer and Simply Yours
Download: https://t.co/1uym6sMjbQ https://t.co/d4BjOeeM2u
— JioPages (@JioBrowser) October 22, 2020
Jio ने कहा है कि JioPages पूरी तरीके से भारत में बना है, ये एक स्वदेशी वेब ब्राउज़र है। इस ब्राउज़र में अपना एक डिफॉल्ट सर्च इंजन चुनने का ऑप्शन दिया जाता है। आप गूगल के अलावा बिंग, याहू या डक डक गो को भी चुन सकते हैं। साथ ही ब्राउज़र में ट्रेंडी डार्क मोड थीम सपोर्ट भी है। इसके अलावा जियोपेज में एक ब्राउज़र फीड है, उसमें आप जो भी भाषा का चयन करेंगे उसी से जुड़ा कॉन्टेंट फीड में दिखाया जाएगा।
यूज़र्स आसानी से डाउनलोड की गई पिक्चर्स, वीडियो या डॉक्यूमेंट्स को सर्च कर सकें, इसके लिए ब्राउज़र का डाउनलोड मैनेजर फाइल के टाइप के हिसाब से फाइल्स को ऑर्गेनाइज़ करता है। इसके प्राइवेट मोड में पिन फीचर भी है, जिसे इस मोड में जाते ही एक्सेस कोड के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा। जैसा हमने ऊपर बताया कि ब्राउज़र में एडब्लॉक प्लस फीचर भी है, जिसका फायदा ये होगा कि अननैससरी एड्स अपने आप ही ब्लॉक हो जाएंगी। ब्राउज़र आपको डोमेन को वाइटलिस्ट करने के लिए भी परमिशन देता है।