संजय राउत की बढ़ी मुश्किल, महिला का पीछा कराने की शिकायत पर हाईकोर्ट ने दिया जांच का निर्देश

मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिवसेना सांसद संजय राउत के खिलाफ एक महिला की शिकायत पर जांच का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने मुंबई के पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया है कि वह उस शिकायत की जांच करें जिसमें महिला ने शिवसेना सांसद संजय राउत और अपने अलग हुए पति के इशारे पर कुछ पुरुषों द्वारा पीछा करने और उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया है।

न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ ने मुंबई पुलिस कमिश्रन को 24 जून को अदालत में रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

पेशे से मनोवैज्ञानिक एक महिला ने इसी साल फरवरी महीने में कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई हो रही थी। याचिका में महिला ने दावा किया था कि शिवसेना नेता और राज्य सभा सदस्य संजय राउत और महिला के अलग हो चुके पति के इशारे पर अज्ञात पुरुषों द्वारा उनका पीछा किया जा रहा है और उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।

महिला की तरफ से पेश अधिवक्ता आभा सिंह ने हाईकोर्ट को बताया कि याचिका दायर होने के बाद हाल ही में महिला को एक गैर-संज्ञेय मामले में गिरफ्तार किया गया था जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि महिला ने फर्जी पीएचडी डिग्री हासिल की थी।

आभा सिंह ने कोर्ट से कहा “याचिकाकर्ता दस दिन से जेल में है। हाई कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद अब पूरी पुलिस मशीनरी उसके खिलाफ जुट गई है। यह पूरी तरह से बदलने की और दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई है। जिस पर कोर्ट ने कहा की याचिकाकर्ता अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ अलग से अपील दायर कर सकती हैं।

कोर्ट ने कहा “हम पुलिस आयुक्त को याचिका में उठाई गई शिकायतों को देखने और उचित उपाय करने का निर्देश देते हैं। पुलिस आयुक्त कोर्ट को जवाब देंगे और 24 जून को मामले से जुड़ी एक रिपोर्ट सौंपेंगे।

महिला ने अपनी याचिका में कहा कि उसने 2013 और 2018 में तीन शिकायतें दर्ज कराई थीं, लेकिन अब तक अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

इसके पहले इसी साल मार्च में जब याचिका पर सुनवाई हुई थी। उस समय राउत के वकील प्रसाद ढाकेफलकर ने इसका विरोध किया और आरोपों का खंडन किया था। ढाकेफलकर ने तब कहा था कि याचिकाकर्ता एक पारिवारिक मित्र है और शिवसेना नेता की बेटी की तरह है।

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