‘मसीहा’ सोनू सूद का दवाओं और इंजेक्शन की जमाखोरी से इनकार, कोर्ट को बताया ऐसे करते थे मदद

मुंबई। कोरोना वायरस ने जब से देश में एंट्री की है, जब से एक ही शख्स अपनी दरियादिली के लिए पहचाने जानें लगा है और वो शख्स है फिल्मी हस्ती सोनू सूद। जब कोरोना की दूसर लहर अपना कहर बरपा रही थी तो सोनू सूद दवा और ऑक्सीजन के लिए मारे-मारे फिर रहे लोगों की मदद के लिए आगे आए थे, जिन दवाओं-इंजेक्शन की ब्लैक मार्केट जोरों पर थी, ऐसे में सोनू सूद जरूरतमंदों को वो दवा उपलब्ध करा रहे थे। सोनू सूद ने ऑक्सीजन और दवाओं का समय पर इंतजाम करके हजारों लोगों की जान बचाई थी, लेकिन अपने इस काम की वजह से सोनू को कई आरोपों का भी सामना करना पड़ा है, जिसके बाद उन्होंने बताया कि आखिर वो कैसे जरूरतमंदों की मदद करते थे।

दरअसल, पिछले दिनों सोनू सूद पर रेमेडिसविर इंजेक्शन के डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए थे। जिसके बाद सोनू ने मंगलवार को अपनी तरफ से एंटी कोविड​​-19 दवाओं के वितरण में किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि वह केवल उन लोगों की मदद कर रहे थे, जिन्हें वास्तव में दवाओं की कमी के बीच जरूरत थी।

ज्ञात हो कि हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए सूद जैसी मशहूर हस्तियों और राजनेताओं की ओर से रेमेडिसविर और अन्य दवाओं को बांटने के मामले में वितरण की जांच की मांग की, जिसके बाद मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ ने सूद के वकील मिलन देसाई के जरिए जनहित याचिका में एक पक्ष बनने के लिए दायर एक अपील को अनुमति दी।

अपनी अपील में अभिनेता ने किसी भी गलत काम से इनकार किया और दावा किया कि कुछ लोग उनका नाम खराब करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। सूद ने बताया कि कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से वह लगातार लोगों की मदद का काम कर रहे हैं। अपनी अपील में उन्होंने कहा कि इस साल अप्रैल में दूसरी लहर के बाद लोग दवाओं लेने के लिए दर-दर भटक रहे थे, क्योंकि जहां दवाएं उपलब्ध थीं और जिन्हें उनकी जरूरत थी, वहां तालमेल की कमी थी।

सूद ने कोर्ट को बताया कि ऐसे में मैंने दोनों के बीच एक पाइप बनने का फैसला किया यानी वास्तविक जरूरतमंद लोगों को उन जगहों से जोड़ा जहां दवाएं उपलब्ध थीं, ताकि बाद वाले सीधे जरूरतमंद मरीज को आवश्यक दवाएं भेज सकें। गौरतलब है कि राज्य के वकील आशुतोष कुंभकोनी ने पहले एचसी को बताया था कि सरकार ने सोशल मीडिया पर एसओएस अपील के जवाब में दवाओं की खरीद और आपूर्ति में सूद और मुंबई के कांग्रेस विधायक जीशान सिद्दीकी द्वारा निभाई गई भूमिका का पता लगाने के लिए जांच शुरू की थी।

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