कोविड-19 : लॉकडाउन 2.0 के ऐलान के बाद मुंबई में हजारों मजदूरों को गुमराह करने के आरोपी विनय दुबे को हिरासत में लिया गया

मुंबई। लॉकडाउन के दूसरे चरण के ऐलान के कुछ ही घंटे बाद मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर हजारों की तादात में एकट्ठा हुए प्रवासी मजदूरों ने खूब सुर्खियां बटोरी। इस घटना ने आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति को भी कोरोना संकट काल में शुरू कर दिया। एक तरफ CM उद्धव ठाकरे ने सारा ठिकड़ा केंद्र सरकार पर फोड़ दिया वहीं उनके पुत्र आदित्य ने भी इस मामले पर मोदी सरकार पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन इस खबर ने एक बार फिर सबका ध्यान आकर्षित कर लिया है। दरअसल, पुलिस ने मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ इकट्ठा होने के मामले में पुलिस ने विनय दुबे नाम के शख्स को हिरासत में ले लिया है। विनय दुबे पर भीड़ को गुमराह करने का आरोप है। विनय दुबे ‘चलो घर की ओर’ कैंपेन चला रहा था और अपने फेसबुक पर शेयर किए गए पोस्ट में उसने टीम के बांद्रा में होने की बात कही थी।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषणा करने के कुछ ही घंटे बाद बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर यहां मंगलवार को सड़क पर आ गए और मांग की कि उन्हें उनके मूल स्थानों को जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था की जाए। ये सभी प्रवासी मजदूर दिहाड़ी मजदूर हैं।

कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए पिछले महीने लॉकडाउन लागू होने के बाद से दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। इससे उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हालाँकि अधिकारियों और गैर-सरकारी संगठनों ने उनके भोजन की व्यवस्था की है, लेकिन उनमें से अधिकतर पाबंदियों के चलते हो रही दिक्कतों के चलते अपने मूल स्थानों को वापस जाना चाहते हैं। पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार करीब 1000 दिहाड़ी मजदूर अपराह्न करीब तीन बजे रेलवे स्टेशन के पास मुंबई उपनगरीय क्षेत्र बांद्रा (पश्चिम) बस डिपो पर एकत्रित हो गए और सड़क पर बैठ गए।

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