WhatsApp की नई पॉलिसी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर, तुरंत रोक लगाने की मांग

नई दिल्ली। गुरुवार को WhatsApp की आगामी डेटा और गोपनीयता नीति के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में एक आवेदन दिया गया है। चैतन्य रोहिल्ला नामक वकील द्वारा दिए गए आवेदन में कहा गया है कि WhatsApp की नई नीति भारत के नागरिकों की निजता के अधिकार का हनन करती है।

चैतन्य द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि यह नीति किसी भी व्यक्ति की ऑनलाइन गतिविधि में 360 डिग्री प्रोफाइल व्यू देती है। साथ ही याचिका में व्यक्ति की राइट टू प्राइवेसी का हवाला देते हुए कहा गया है कि इससे किसी भी व्यक्ति की निजी और व्यक्तिगत गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है और यह कार्य बिना किसी सरकारी निरीक्षण के किया जाता है। इसके साथ अन्य अनुरोधों के साथ याचिकाकर्ता ने व्हाट्सएप की ओर से नई नीति पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है।

रोहिल्ला ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को एक दिशा-निर्देश देने की मांग की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि WhatsApp अपने उपयोगकर्ताओं (यूजर्स) के किसी भी डेटा को किसी तीसरे पक्ष (थर्ड पार्टी) या फेसबुक एवं उसकी कंपनियों के साथ किसी भी उद्देश्य के लिए साझा न करे।

याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा है कि व्हाट्सएप द्वारा उपयोगकर्ताओं के डेटा को तीसरे पक्ष और फेसबुक को साझा करना अपने आप में गैरकानूनी है, क्योंकि व्हाट्सएप केवल उन उद्देश्यों के लिए सूचना का उपयोग कर सकता है, जो यथोचित रूप से उस उद्देश्य से जुड़े हो, जिसके लिए सूचना दी गई थी।

गौरतलब है कि WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी 8 फरवरी से लागू होगी, जिसे लेकर WhatsApp यूजर्स से कह रहा है कि वह फेसबुक के साथ डेटा साझा करने के लिए अपनी सहमति दें अन्यथा आप 8 फरवरी के बाद वह ऐप का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। सेवाओं का उपयोग जारी रखने के लिए, यूजर्स को नियमों और शर्तो को स्वीकार करना होगा। अगर यूजर्स सेवा की नई शर्तो को स्वीकार नहीं करते हैं, तो वे एप का उपयोग नहीं कर पाएंगे।

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