योगी सरकार का एक और बड़ा फैसला, यूपी में लगाया एस्मा (Esma), अगले साल 25 मई तक कोई कर्मचारी नहीं जा सकता हड़ताल पर
लखनऊ। योगी सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए अगले 6 महीने तक प्रदेश में किसी भी सरकारी विभाग, सरकार के नियंत्रण वाले निगम और प्राधिकरणों आदि में हड़ताल करने पर रोक लगा दी है। प्रदेश सरकार ने अत्यावश्यक सेवाओं के अनुरक्षण, 1996 की धारा 3 की उपधारा (1) के द्वारा दी गई शक्ति का प्रयोग करते हुए प्रदेश में एस्मा लागू कर दिया है।
इसके बाद सरकारी विभाग, सरकार के नियंत्रण वाले निगम और प्राधिकरणों आदि में हड़ताल करने पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव कार्मिक मुकुल सिंघल ने अधिसूचना जारी कर दी है। आदेश के बाद कर्मचारी 25 मई तक हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे। राज्य सरकार के इस फैसले को कोरोना के बढ़ते प्रभाव का भी एक कारण माना जा रहा है। बता दें कि सोमवार को जारी किए गए एक आदेश में सरकार ने शादी समारोहों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या सीमित कर दी थी।
अधिक संक्रमण दर वाले जनपदों पर विशेष ध्यान देते हुए केस मैपिंग की जाए। इसके परिणाम के आधार पर रणनीति बनाते हुए कोविड-19 के नियंत्रण की प्रभावी कार्यवाही की जाए। इस संबंध में RT-PCR केन्द्रित फोकस टेस्टिंग की जाए: मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) November 25, 2020
उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद पिछले 24 घंटों में प्रदेश में 2318 नए कोविड मामले दर्ज़ किए गए। प्रदेश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 24,876 है। कल प्रदेश में 1,78,549 सैंपल्स की जांच की गई, जो अब तक एक दिन में सबसे ज्यादा संख्या में टेस्टिंग है। अब तक कुल 1,84,70,887 सैंपल्स की जांच की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि बुधवार को मुख्यमंत्री द्वारा निर्णय लिया गया है कि अब आरटी-पीसीआर और एंटीजन टेस्ट का अनुपात 40:60 होगा। जहां ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे इलाकों में ज्यादा से ज्यादा सैंपल्स लेकर आरटी-पीसीआर जांच की जाएगी। इसके लिए 15 जिले चुने गए हैं, जिनमें ये काम तुरंत शुरू होना है।
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी ने प्रदेश में प्रतिदिन 1,78,000 से अधिक COVID-19 की टेस्टिंग क्षमता अर्जित किए जाने पर संतोष व्यक्त करते हुए टेस्टिंग कार्य को पूरी सक्रियता से संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) November 25, 2020
राज्य के मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि इन 15 जिलों में 11 से 25 नवंबर के बीच दर्ज़ किए गए कोविड मामलों को मैप पर प्लॉट करना है और जिन इलाकों में संक्रमण ज्यादा है वहां फोकस सर्विलांस और फोकस टेस्टिंग करनी है। ये 15 जिले हैं- लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ, अलीगढ़, झांसी, सहारनपुर, आगरा, बरेली, मुरादाबाद, मुज़फ़्फ़र नगर है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार कन्टेनमेंट जोन के बाहर समस्त सामाजिक, शैक्षिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों एवं अन्य सामूहिक गतिविधियों में एक समय में किसी भी बन्द स्थान जैसे हॉल या कमरे की निर्धारित क्षमता के 50 प्रतिशत, किंतु अधिकतम 100 व्यक्तियों तक ही मौजूद रह सकेंगे। कार्यक्रमों में फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्कैनिंग व सैनिटाइजर एवं हैंडवॉश की व्यवस्था अनिवार्य होगी। यही नहीं, खुले स्थान जैसे मैदान आदि पर, ऐसे स्थानों के क्षेत्रफल के 40 प्रतिशत से कम क्षमता तक ही लोगों के होने की अनुमति होगी।
गौरतलब है कि, कोविड काल में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की सराहना की है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कोविड-प्रबंधन को अन्य राज्यों के लिए नजीर बताया है। हड़ताल करने के फैसले पर रोक का कारण भी कोरोना ही बताया जा रहा है।