क्रायोजेनिक टैंकर और ऑक्सीजन सप्लाई पर अजीब तर्क देकर बुरे फसे राघव चड्ढा, हो गए ट्रोल, आप भी देखिए
न्यूज़ डेस्क। दिल्ली में कोरोना महामारी की स्थिति काफी खराब है। पिछले 24 घंटे में दिल्ली में 20,960 नए मामले दर्ज किए गए हैं और 311 मरीजों की मौत हो गई है। इस दौरान अरविंद केजरीवाल सरकार की लापरवाही के कारण दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो गई। ऑक्सीजन के लिए केजरीवाल सरकार को दिल्ली हाई कोर्ट से फटकार भी सुनने को मिली है। इस बीच अरविंद केजरीवाल के करीबी राघव चड्डा ने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे आंकड़े दिए हैं जिसका तथ्यों से कोई लेना-देना नहीं है।
आम आदमी पार्टी की ओर से ट्विटर पर जारी वीडियो में राघव चड्डा कहते हैं कि देश में 1631 क्रायोजेनिक टैंकर्स हैं और ये 8500 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन कैरी करते हैं। इन टैंकर्स के पास 23,000 MT ऑक्सीजन कैरी करने की क्षमता हैं। हमारे देश में क्रायोजेनिक टैंकरों की कोई कमी नहीं है। टैंकरों पर राज्य सरकारों ने नियंत्रण कर रखा है। इन क्रायोजेनिक टैंकरों को राष्ट्र की संपत्ति घोषित किया जाना चाहिए। जिस तरह से केंद्र सरकार ऑक्सीजन का आवंटन कर रही है, उसी तरह से इन क्रायोजेनिक टैंकरों का भी आवंटन होना चाहिए! दिल्ली को 976 मैट्रिक टन ऑक्सीजन के लिए 187 क्रायोजेनिक टैंकर की जरूरत है। राघव चड्डा वीडियो में दिल्ली को 187 क्रायोजेनिक टैंकर मुहैया कराने की मांग कर रहे हैं।
देश में 1631 Cryogenic Tankers है जो 8500 MT OXYGEN Carry करते है जबकि इनकी क्षमता 23000 MT OXYGEN Carry करने की है।
जिस तरह से केंद्र सरकार Oxygen का आवंटन कर रही है, उसी तरह से इन Cryogenic Tankers का भी आवंटन होना चाहिए! pic.twitter.com/x0vBERwrX6
— AAP (@AamAadmiParty) May 5, 2021
राघव चड्डा ने एक टैंकर में कितना ऑक्सीजन आ सकता है उसके हिसाब से 976 मैट्रिक टन ऑक्सीजन के लिए कितने टैंकर की जरूरत होगी ये तो जोड़ लिया। लेकिन उसने यह ध्यान नहीं रखा कि इसमें से अगर 187 क्रायोजेनिक टैंकर 976 मैट्रिक टन ऑक्सीजन लेकर फैक्ट्री से चलेंगे तो उसे दिल्ली में अस्पताल तक पहुंचने में भी समय लगेगा। दिल्ली आने के बाद उसे अस्पताल में भंडारण करने के बाद फिर फैक्ट्री तक जाना होगा। अगर टैंकर को 24 घंटे दिल्ली तक आने में लगता है तो उसे दिल्ली से फिर ऑक्सीजन लाने के लिए फैक्ट्री तक पहुंचने में भी 24 घंटे लगेंगे। इस तरह सिर्फ 187 टैंकर से काम नहीं चलने वाला है। ऐसा तो है नहीं कि टैंकर भराया और अस्पताल में पहुंच गया। इसे लेकर सोशल मीडिया पर यूजर्स आप नेता को ट्रोल कर रहे हैं।
इसके घर में 1 ही LPG सिलिंडर है। जब वो खत्म हो जाता है तब ये सिलिंडर बदलने गोदाम जाता है। लेकिन खाना फिर भी पकता रहता है😆
आधे क्रायोजेनिक टैंकर जब डिलीवरी दे रहे होते हैं तब आधे टैंकर डिलीवरी देकर रिफिलिंग कर रहे होते हैं डिलीवरी के लिए। इस प्रकार चलती है सप्लाई। https://t.co/KsnOZi8ush— Rahul Shukla (@rahulshuklaa1) May 5, 2021
Looks like maths for this tweet advised by Priyanka C
How hard to understand this that about half of the total tankers return back empty for refill. And many tankers take more than 24 hrs due to long distance
जैसे दस टैंकर है तो 5 खाली होकर वापस रिफिल के लिए जाएंगे और 5 डिलीवरी
— Lala 🇮🇳 (@Lala_The_Don) May 5, 2021
Half the tankers used to carry oxygen & when after delivering they return remaining half sent, if all used at once there will be huge time gap between deliveries.
AAPiyas should stick to advertisement than trying to give gyaan on other things which they don't understand at all
— Dr. Scar (@YourRishbh) May 5, 2021
इतने ही बड़े दार्शनिक ओर वैज्ञानिक थे तो पहले से ही Delhi की जनता के लिए इंतज़ाम क्यों नहीं करा। पहले तो तुम लोग शाहिन बाग में बिज़ी थे, फिर दंगे करवाए। फिर किसानो के साथ मिलकर Delhi को corona बम बनाया। वोट के लालच में बॉर्डर पर WiFi, बिजली एक रात में देदी।अब सब कुछ केंद्र करे ।
— Yashpal Singh (@singaboldaveere) May 5, 2021
वाह! क्या लाॅजिक है?अब आक्सीजन और टैंकर याद आ रहे हैं?केंद्र का आक्सीजन प्लांट लगाने का पैसा डकारते समय नहीं सोचा क्या? जो आपके पास नहीं है जैसे बिजली पानी,इनको मुफ्त बांटने विज्ञापन,केंद्र से मिले पैसे को इमामों मौलवियों को सैलेरी बांटते कुछ याद नहीं आता क्या?
दिल्ली बर्बाद की।— दुर्गेशनंदिनी (@NandiniDurgesh5) May 6, 2021
यह कैलकुलेशन राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने बैठकर चड्डा जी को समझाइए लगता है😄😄🤣🤣😄,, यही वह लोग हैं जिनको पढ़े लिखे अनपढ़ कहा जाता है
— Ashwani lamba (@Ashwanilambaa) May 6, 2021
पहले यह तो बताए pic.twitter.com/WeDuSUtRMe
— Vikas (@dmvikas2491) May 6, 2021
दिल्ली सरकार भी ऑक्सीजन के प्लांट लगा सकती है,ऑक्सीजन टैंकर खरीद सकती ,इसपर तो केन्द्रीय सरकार का नियंत्रण नही है,,,सरकारी खजाना , पूरे भारत मे tv,रेडियो,अखबारों में विज्ञापन के लिए है फिलहाल अभी तो tv में विज्ञापन दिखना बंद है,,
— anil gupta (@anilmgupta12321) May 5, 2021
Uttar Pradesh जहां अभी 2,62,474 एक्टिव Covid पेशेंट्स हैं वहां कल 4-May को कुल 736 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई वही दूसरी ओर Delhi में जहां 91,859 एक्टिव Covid पेशेंट्स हैं वहां Kejriwal सरकार को 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन क्यो चाहिए। Black करनी है क्या Oxygen या कोई और बात है ?
— Ram Narayan Singh (@sidd3340) May 6, 2021
खुद क्या किया क्रायोजेनिक और स्टोरेज टैक के लिए। अस्पताल को कोरी डेडलाइन लाईन दिया ।सिलेंडर उत्पादन और परचेज के लिकुछ स्वय किया। हरचीज केन्द्र करेगी आप क्या करेंगे?
— भारत का युवा Youth_of_India (@gnsingh27) May 6, 2021
#Kejriwal's foresight is 3 days#COVID19 #DelhiModel can't see beyond 3 day, forget about management.pic.twitter.com/MH5dT52SVY
— 🇮🇳 iCJ (#IndiaFightingChineseVirus) (@CJ_India) April 21, 2021
1631 Tankers में 187 tankers यानि लगभग 11.50% तो अकेले दिल्ली को ही दे दो।
बाकी tankers बाकि 27 राज्यों और 8 UTs को कमाल है।
और हूतिए 1631में से आधे तो transportation रहेंगे, तभी delivery सुनिश्चित होगी।— Jaya D (@JayaDGamdi) May 5, 2021
वाह… क्या गणित है।
सिर्फ क्षमता का हिसाब किताब दिया।
इसमें रिफिलिंग टाइम, ट्रेवलिंग टाइम, सप्लाई टाइम का कोई हिसाब किताब नही!!!!
अबे गधो, टैंकर्स खाली होंगे, वापस रिफिलिंग के लिए जाएंगे फिर जाकर हॉस्पिटल तक आएंगे इतने मे ही इसकी क्षमता तीन गुना काम हो जाएगी
साले गधे आपिये
— Shankar (@Shankar12568387) May 5, 2021
@raghav_chadha दसवी फैल हो भाई आप तो। इतना तो सबको मालूम है की ऑक्सिजन ख़ाली करके टैंकर वापस जाएगा 1-2 दिन में फिर भरेगा फिर आएगा 2-3 दिन में लेकिन आपके हिसाब से वो टैंकर हर रोज़ जाकर वापस भी आ जाएगा। इसिलिय दसवी फैल हो।
आपिये सब नाच रहे होंगे ये दसवी फैल के idea सुन के हैं ना?
— Deepak Singh (@deepak_singh_28) May 6, 2021