निर्वाचन प्रक्रिया में दिव्यांगों और थर्ड जेंडर की भागीदारी बढ़ाने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा कार्यशाला का आयोजन
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय और राज्य शासन के समाज कल्याण विभाग द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया में दिव्यांग एवं थर्ड जेंडर समूह के नागरिकों की भागीदारी बढ़ाए जाने के लिए आज संवाद सेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया। रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यशाला में दिव्यांगों और थर्ड जेंडर के कल्याण के लिए काम करने वाले एनजीओ, समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों तथा थर्ड जेंडर समुदाय के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए दिव्यांगों और थर्ड जेंडर के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने प्रदेश में आगामी निर्वाचन में दिव्यांगों और थर्ड जेंडर की शत-प्रतिशत सहभागिता सुनिश्चित करने सभी वर्गों से सहयोग की अपील की। कार्यशाला में अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी शिखा राजपूत तिवारी, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विपिन मांझी, समाज कल्याण विभाग के अपर संचालक पंकज वर्मा और छत्तीसगढ़ में पी.डब्ल्यू.डी. स्टेट आइकॉन चित्रसेन साहू भी शामिल हुए।
कार्यशाला में उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय अग्रवाल ने दिव्यांगों को पोलिंग बूथ पर मिलने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने मतदाता पंजीयन व संशोधन के लिए निर्वाचन आयोग के विभिन्न प्रारूपों जैसे फॉर्म-6 एवं फॉर्म-8 के बारे में बताया। उन्होंने आयोग द्वारा दिव्यांगों के लिए तैयार कराए गए “सक्षम” एप की जानकारी देते हुए कहा कि मतदान के दिन व्हीलचेयर, पिक एंड ड्रॉप फैसिलिटी के लिए दिव्यांग मतदाता आवेदन कर सकते हैं।
श्री अग्रवाल ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के नए निर्देशों के अनुसार अब 80 वर्ष से अधिक के वरिष्ठ मतदाता एवं 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं को डाक मतपत्र की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। इस सुविधा के तहत मतदान दिवस के पूर्व ही मतदान दल डोर-टू-डोर जाकर ऐसे मतदाताओं का डाक मतपत्र प्राप्त करता है। उन्होंने प्रतिभागियों को ब्रेल एपिक, ब्रेल वोटर गाइड, ब्रेल डमी बैलेट के बारे में भी जानकारी दी। कार्यशाला में मौजूद तृतीय लिंग समुदाय को बताया गया कि तृतीय लिंग और अनाथ मतदाता पंजीयन के लिए फॉर्म-6 भरते समय अपने रिश्तेदार के रूप में अब “गुरु” का उल्लेख कर सकते हैं।
कार्यशाला में बताया गया कि प्रदेश में अभी एक लाख 49 हजार 489 पंजीकृत दिव्यांग मतदाता और तृतीय लिंग के रूप में चिन्हांकित 811 मतदाता हैं। कार्यशाला में समाज कल्याण विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों को राज्य में इनके पंजीयन में मौजूद गैप को कम करने जिला स्तर पर विशेष अभियान चलाकर हरसंभव प्रयास करने का आह्वान किया गया, जिससे कि आगामी आम निर्वाचन में इन वर्गों का 100 प्रतिशत पंजीयन एवं मतदान सुनिश्चित किया जा सके।
कार्यशाला में प्रशिक्षण के बाद संवाद सेतु के तहत उपस्थित सभी लक्षित समूह से चर्चा की गई। इस दौरान तृतीय लिंग समुदाय ने टीजी कार्ड के आधार पर मतदाता के रूप में पंजीयन की मांग की। प्रतिभागियों ने कार्यशाला को अत्यंत उपयोगी और ज्ञानवर्धक बताते हुए इसकी सराहना की। अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी शिखा राजपूत तिवारी द्वारा कार्यशाला के आयोजन में सहयोग करने वाले संस्थाओं, अधिकारियों एवं प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करने के साथ कार्यशाला का समापन हुआ।