आस्था के सभी केन्द्र को हमारी सरकार विकसित कर रही है – भूपेश बघेल
राजिम। राजिम माघी पुन्नी मेला के समापन समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सबसे पहले श्री राजीव लोचन मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की। पश्चात लक्ष्मण झूला में ईरिक्शा चढ़कर सीधे श्रीकुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर पहुंंचे। वहां उन्होंने जल चढ़ाकर अभिषेक किया और प्रदेश की खुशहाली के लिए कामना की। मुख्य महोत्सव मंच पर पहुंचते ही भगवान राजीव लोचन की प्रतिमा पर पं. अर्जुननयन तिवारी सहित पंडितों के द्वारा मंत्रोच्चर किया गया। उपस्थित अतिथियों का स्वागत सम्मान हुआ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सभी कलाकरों के साथ विदेशी कलाकरों का भी हम अभिनंदन करते हैं। राजिम माघी पुन्नी मेला की शुरूआत एव ंसमापन दोनों अवसर पर आने का अवसर मिला। लक्ष्मण झूला का पिछले साल लोकार्पण किया था। मेला के बारे में ताम्रध्वज साहू, धनेन्द्र साहू, अमितेष शुक्ल चर्चा करते थे। पहले जिस नाम से यह मेला हो रहा था, उसमें छत्तीसगढ़ी खुशबू नहीं आती थी, परंतु अब संस्कृति की महक बराबर फैल रही है। छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा रामायण प्रतियोगिता में प्रथम आने वाले मंडली को 12 हजार पंचायत को 5 हजार पुरस्कार, जनपद स्तर पर 10 हजार, जिला स्तर पर 50 हजार प्रदान किया गया और राज्य स्तर पर हुंए प्रतियोगिता में लाखों रूपए देकर पुरस्कृत किया गया है। देश में कहीं भी ऐसा आयोजन नहीं होता है, आज सिर्फ छत्तीसगढ़ में हो रहे। आस्था के केन्द्र को विकसित करने का काम हमारी सरकार कर रही है। राजिम पहले भी था, आज भी है और आगे भी रहेगा। नवीन मेला ग्राऊण्ड को विकसित करने का काम कर रहे हैं। कहीं भी भेदभाव हम नहीं कर रहे हैं। सबका बराबर विकास हो रहा है। नृत्य संगीत को सहेजने का काम हो रहे है। गौ माता की सेवा केवल छत्तीसगढ़ में किया जा रहा है।
धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि आने वाले साल में 60 एकड़ आरक्षित भूमि पर माघी पुन्नी मेला लगेगा। इसके लिए 100 करोड़ की राशि लगेगा। टेण्डर की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। फोर लेन सहित अनेक काम होंगे। उन्होंने आगे कहा कि राजिम धर्म, आस्था और संस्कृति की भूमि है। पैरी, सोढ़ूर एवं महानदी के संगम में मेला लगता है। हम हर साल नया करने का प्रयास करते हैं। 12 सौ साल पहले कुलेश्वर नाथ महादेव का निर्माण देवी सीता ने किया था। पंचकोशी यात्रा से लेकर अनेक खूबियां इस भूमि की है। रामचंद जी ने सर्वाधिक 10 साल यहां बिताया। राजिम में सर्वाधित राम वनगमन परिपथ के अंतर्गत 19 करोड़ का काम हो रहा है। पहले छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया करते थे, लेकिन बढ़िया नहीं था। बढ़िया मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किया है, जो यहां के संस्कृति, रहन-सहन और खान-पान में जुड़ा है। इसलिए अब छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया कह सकते हैं। मेला समापन होने के बाद भी आने वाले चार दिनों तक चलती है, इसलिए प्रशासन की सारी व्यवस्थाएं यथोचित रहेगी।
संस्कृति एवं जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि राजिम आस्था, विश्वास एवं संस्कृति का समागम है। यहां की भव्यता के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। विदेश के भी रामायण यहां हुए हैं। यह सबसे बड़ा उदाहरण है।
राजिम विधायक अमितेश शुक्ल ने कहा कि स्वयं शिव भगवान मेला में आते हैं और मनोकामना को पूरी करते हैं। श्याम भैया हमेशा विकास की बात करते थे। सिंचाई की सुविधा, सड़कों का जाल पर ज्यादा ध्यान दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार विकास पर ध्यान दे रहे हैं। आने वाले समय में दोबारा मुख्यमंत्री अवश्य बनेगा। दो-तीन महीने में लगातार राजिम आएं हैं, जबकि इतना तो पाटन भी नहीं गए हैं। उनका राजिम के प्रति प्रेम और स्नेह है, जो स्पष्ट दिख रही है।
अभनपुर विधायक धनेन्द्र साहू ने कहा कि महाशिवरात्रि पर सुख समृद्धि एवं खुशहाली की कामना कर रहा हूं। नया सरकार ने चार पिछले चार साल में गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के नारा को चरितार्थ किया है। सभी क्षेत्र में पहचान बनाई है। आदमी के हैसियत बदले हैं। किसान से लेकर गौ पालक, भूमिहीन गरीब मजदूर, महिला स्वालम्बन आदि योजनाओं से इतिहास रच रहा है। मुख्यमंत्री जी ने सांस्कृतिक शोषण को दूर किया है। राम के नाम पर वोट की राजनीतिक चल रही थी। हमारी सरकार ने राम पर ही काम करके दिखा दिया। रामायण प्रतियोगिता से राम की कथा को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है। मेला में अपार भीड़ रही है, जो यहां के व्यापार व्यवसाय को उन्नति का अवसर दे रहा है। आने वाला साल यहीं पर राजिम माघी पुन्नी मेला फिर से लगेगा।
नीतीश भारती द्वारा सैंड आर्ट का प्रदर्शन किया गया, जिसमें गज ग्राहा युद्ध से लेकर उनके उद्धार पश्चात राजा रत्नाकर के द्वारा किए जा रहे यज्ञ में आसुरी शक्तियों के नाश के लिए विष्णु जी का आह्वान किया जाता है। उनके आवाज कान में पड़ते ही जिस अवस्था में थे, श्री हरि प्रगट हो गए और राजा को यहीं रहने का वरदान दिया। इस रेत कला के माध्यम से कांकेर के राजा से लेकर राजीम तेलिन भक्तिन माता के इतिहास को बताया। इस सैंड आर्ट का सीधा प्रसारण हुआ, इससे प्रसन्न होकर मुख्यमंत्री ने मंच पर ही सम्मातिन किया।
जिला कलेक्टर प्रभात मलिक ने प्रतिवेदन पढ़ा। 15 दिवस तक हुए कार्यक्रमों की झलकियां वीडियों के माध्यम से प्रसारण किया गया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने तीन दिनों तक चले राज्य स्तरीय रामायण प्रतियोगिता में प्रथम ज्ञान गंगा मानस परिवार बचेली दंतेवाड़ा को पांच लाख का चेक एवं स्मृति चिन्हा, प्रमाण पत्र, रामायण ग्रंथ तथा राजकीय गमछे के साथ पुरस्कृत किया गया। द्वितीय स्थान माधुरी महिला मानस मंडली गरियाबंद को तीन लाख को चेक तथा तृतीय स्थान जांजगीर चांपा जिले के मानस मंडली सरहर को दो लाख का चेक प्रदान किया गया। इस दौरान भव्य आतिशबाजी का प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर सिहावा विधायक लक्ष्मी धु्रव, राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास जी, खनिज विकास नगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, जिला पंचातय गरियाबंद के अध्यक्ष स्मृति नीरज ठाकुर, जनपद पंचायत फिंगेश्वर के अध्यक्ष पुष्पा जगन्नाथ साहू, जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी साहू, राजिम नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा जितेन्द्र सोनकर, नवापारा नगर पालिका अध्यक्ष धनराज मध्यानी, तेलघानी विकास बोर्ड के सदस्य शैलेन्द्र साहू, बोर्ड भावसिंह साहू, विकास तिवारी, पद्मा दुबे, अशोक श्रीवास्तव सहित केन्द्रीय समिति के सदस्य के अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधि व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।