स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल में जानकारी अपडेट नहीं करने पर दो अधिकारी निलंबित

रायपुर। राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के दो अधिकारियों को शासकीय कार्य में कोताही बरतने के फलस्वरूप निलंबित कर दिया है। इन अधिकारियों ने स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल में अपडेट जानकारी दर्ज नहीं की थी। निलंबित अधिकारियों का मुख्यालय रायपुर और जशपुर के शिक्षा कार्यालयों में नियत किया गया है। आज यहां इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मंत्रालय से आदेश जारी कर दिया गया है।

जारी आदेश के अनुसार जे.के. प्रसाद तत्कालिन जिला शिक्षा अधिकारी जशपुर (वर्तमान में उप संचालक लोक शिक्षण संचालनालय) और नारायण प्रसाद पैकरा (मूल पद व्याख्याता) प्रभारी प्राचार्य शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दोकड़ा, विकासखण्ड कांसाबेल जिला जशपुर द्वारा विभागीय पोर्टल को अपडेट करने में कोताही बरती गई। जिससे संस्था में व्याख्याता का पद रिक्त होना बतलाया गया, जिसके कारण प्रशासनिक स्थानांतरण किया गया। इस लापरवाही के कारण स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मंत्रालय से आदेश जारी कर दोनो को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में जे.के. प्रसाद का मुख्यालय, संभागीय संयुक्त संचालक रायपुर और नारायण प्रसाद पैकरा का मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जशपुर नियत किया गया है।

तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी जशपुररी जे.के. प्रसाद और नारायण प्रसाद पैकरा प्राचार्य शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दोकड़ा, विकास खण्ड कांसाबेल जिला जशपुर द्वारा विभागीय पोर्टल को समय-समय पर अपडेट नही करने के कारण वर्ष 2022 में विभाग के अंतर्गत किए गए स्थानांतरण में जिस संस्था व्याख्याता का पद रिक्त नहीं होने के बावजूद व्याख्याता का पद रिक्त होना बतलाया गया। जिसके कारण विभागीय आदेश द्वारा 30 सितंबर 2022 में अमरजीत सोलंकी व्याख्याता हिन्दी शासकीय हाई स्कूल कोटेया विकासखण्ड प्रेमनगर जिला सुरजपूर का प्रशासनिक स्थानांतरण शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दोकड़ा, विकास खण्ड कांसाबेल जिला जशपुर किया गया। इस स्कूल में नारायण प्रसाद पैकरा प्रभारी प्राचार्य के रूप में कार्यरत है जिनका मूल पद व्याख्याता हिन्दी है, परन्तु विभागीय पोर्टल पर स्वयं की जानकारी प्राचार्य दर्शित करते हुए, व्याख्याता हिन्दी के पद को रिक्त बतलाया गया।

तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी और प्रभारी प्राचार्य की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे समय-समय पर विभागीय पोर्टल को अपडेट रखते, परन्तु विभागीय पोर्टल को अपडेट करने में गंभीर कोताही बरती गयी, जिससे यह स्थिति निर्मित हुई। उनका यह कार्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम के विपरीत गंभीर कदाचार है।

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