School News: देश के कई राज्‍यों में 11 और 15 जनवरी से रोस्‍टर सिस्‍टम (Odd-Even) से खुलेंगे स्‍कूल, जानिये किस क्‍लास का कब है टर्न

न्यूज़ डेक्स। कोरोना काल के बाद नए साल 2021 में अब लगभग पूरे देश में स्‍कूल खुलने जा रहे हैं। कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी के बाद संक्रमण के डर से बंद पड़े स्कूलों के खुलने की उम्मीद जग गई है। हालांकि यह कब से खुलेंगे, यह कह पाना अभी थोड़ा मुश्किल है लेकिन केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालयों को 15 जनवरी के बाद खोलने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है।

अभिभावकों और शिक्षकों के साथ चर्चा भी शुरू कर दी गई है। यदि सभी का रुख सकारात्मक रहा, तो पिछले 9 महीनों से बंद स्कूलों में जल्द ही फिर चहल-पहल देखने को मिलेगी। गुजरात में स्‍कूल व कॉलेज आगामी 11 जनवरी से खुल जाएंगे। राज्‍य कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया है। कक्षा10 व 12वीं के छात्र-छात्राएं अपने माता-पिता से मंजूरी लेकर स्‍कूल आ सकेंगे।

शिक्षामंत्री का कहना है कि जितना पाठ्यक्रम पढाया जाएगा उतने की ही परीक्षा होगी। सरकार ने इन छात्रों को मास प्रमोशन नहीं देनेका भी निर्णय किया है। 4 जनवरी, सोमवार और 8 जनवरी, शुक्रवार से क्रमश: बिहार एवं ओडिशा में स्‍कूल खुले। इस बार यहां ऑड ईवन की तर्ज पर रोस्‍टर सिस्‍टम बनाया गया है। यानी एक दिन छोड़कर तय क्‍लासें लगेंगी। कोरोना संकट में करीब 10 माह से बंद रहे स्‍कूल वर्ष 2020 के अंत तक लगभग खुल चुके थे।

नए साल में बचे हुए राज्‍य भी अब कक्षाओं को शुरू करने जा रहे हैं। दो दिन पहले ही CBSE की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं की तारीखें भी घोषित हो चुकी हैं, ऐसे में अब पूरी तरह से पढ़ाई का माहौल बनने वाला है। हालांकि देश में कोरोना का संकट अभी कायम है। नए स्‍ट्रेन के बाद सरकारें भी सतर्क हैं, इसलिए गाइडलाइन एवं सुरक्षा के मानकों का पालन करते हुए स्‍कूल खोले जाएंगे। शिक्षा विभाग के मुताबिक विद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों में डिजिटल थर्मामीटर, सैनिटाइजर व साबुन आदि की व्यवस्था सुनिश्चि‍त की गई है।

कोरोना संकट के बीच स्कूलों को खोलने की योजना पहले भी कई बार बनाई जा चुकी है। इस दौरान शिक्षकों, अभिभावकों के साथ राज्यों की भी राय ली गई थी। लेकिन संक्रमण के खतरे को देखते हुए ज्यादातर अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने से अपनी असहमति जाहिर कर दी थी। जिसके बाद स्कूल संगठनों को भी अपने फैसले को वापस लेना पड़ा। हालांकि कोरोना वैक्सीन की मंजूरी के बाद एक बार फिर से स्कूल खोलने की योजना पर काम हो रहा है।

दिल्‍ली में मेडिकल कॉलेजों को खोलने की मंजूरी
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में COVID19 मामलों की संख्या में कमी और मौजूदा स्थिति के आकलन के बाद, तत्काल प्रभाव से यूटी सरकार के तहत मेडिकल कॉलेजों को फिर से खोलने का आदेश दिया है। मेडिकल कॉलेज सोशल डिस्‍टेंसिंग और SOPS को देखकर फिर से खोल दिए जाएंगे। इसके तहत प्रथम वर्ष में एमबीबीएस / बीडीएस बैच को पहले चरण में बुलाया जाएगा और कॉलेज को फिर से खोलने की तारीख से डेढ़ से दो महीने के भीतर शिक्षण और प्रैक्टिकल पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद, अंतिम वर्ष के छात्रों को कॉलेज में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। दिल्ली सरकार ने छात्रों को फिर से कॉलेज के लिए कहा है कि अंतिम वर्ष के छात्र सफल प्रशिक्षण पर अंतिम वर्ष की वार्षिक परीक्षा में उपस्थित होने के पात्र होंगे, जिसके उत्तीर्ण होने पर वे इंटर्न के रूप में शामिल होने के पात्र होंगे। इसके बाद दूसरे वर्ष के एमबीबीएस / बीडीएस की अनुमति के लिए प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

गुजरात में 11 जनवरी से खुलेंगे स्‍कूल-कॉलेज, 10-12वीं के छात्रों को मास प्रमोशन नहीं
शिक्षामंत्री भूपेंद्रसिंह चूडासमा ने बताया कि मुख्‍यमंत्री विजय रुपाणी व उपमुख्‍यमंत्री नितिन पटेल की अध्‍यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्‍य में कक्षा 10, 12, स्‍नातक व स्‍नातकोत्‍तर के अंतिम वर्ष की कक्षाएं 11 जनवरी से शुरु की जाएंगी। शिक्षामंत्री ने कहा है कि इन कक्षाओं के छात्रों को मास प्रमोशन नहीं दिया जाएगा। छात्र-छात्राएं अनिवार्य रूप से अपने माता व पिता से स्‍वीक्रति लेकर स्‍कूल कॉलेज आ सकेंगे। चूडास्‍मा ने बताया कि ऑनलाइन शिक्षा जारी रहेगी तथा जितना पाठ्रृयक्रम पढाया जाएगा उतने की ही परीक्षा ली जाएगी। स्‍कूल कॉलेज में छात्र छात्राओं की हाजिरी अनिवार्य नहीं होगी। स्‍कूल कॉलेज संचालकों को छात्रों के बैठने की उचित व्‍यवस्‍था करनी होगी तथा तापमान जांचने के लिए थर्मल गन व सैनेटाइजर रखना होगा। अन्‍य कक्षाओं को शुरु करने पर भी राज्‍य सरकार विचार कर रही है इस पर जल्‍द फैसला किया जाएगा।

15 जनवरी के बाद 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को बुलाने की योजना
स्कूल खोलने की जो योजना बनाई गई है, उसके अनुसार 15 जनवरी के बाद नौवीं से 12वीं तक के छात्रों को अलग-अलग दिनों पर बुलाया जा सकता है। सबसे ज्यादा फोकस नौवीं और 12वीं के छात्रों पर रखा जाएगा। चार मई से जिनकी बोर्ड की परीक्षाएं और उससे पहले एक मार्च से प्रैक्टिकल परीक्षाएं भी होनी हैं। वैसे तो इन छात्रों की पढ़ाई पूरे समय आनलाइन जारी रखी गई, लेकिन छात्र इनमें अपना बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे। इसकी जानकारी तब हुई, जब हाल ही में छात्रों की बोर्ड परीक्षा से जुड़ी तैयारी को जांचने के लिए इन स्कूल संगठनों ने आनलाइन प्री-बोर्ड की परीक्षाएं कराईं। इस दौरान छात्रों के विषयवार प्रदर्शन को जांचा गया। सूत्रों के मुताबिक इसके बाद ही बोर्ड परीक्षाओं को चार मई तक बढ़ाने का फैसला लिया गया है। साथ ही बोर्ड परीक्षाओं से पहले बेहतर प्रदर्शन न कर पाने वाले छात्रों के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित करना जरूरी बताया गया।

केरल में 290 दिन बाद कॉलेज, विश्वविद्यालय खुले
कोरोना महामारी के कारण 290 दिनों तक बंद रहने के बाद सोमवार को केरल में कालेज तथा विश्वविद्यालय आंशिक तौर पर खोल दिए गए। इसके पहले एक जनवरी को स्कूल खोले गए थे और 10वीं तथा 12वीं की कक्षाएं शुरू की गई थीं। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए अंडर ग्रेजुएट के अंतिम वर्ष तथा पोस्ट ग्रेजुएट के छात्रों के लिए कक्षाएं फिर से शुरू हो गई हैं। हालांकि कक्षा में छात्रों की संख्या सीमित ही रहेगी। सरकारी आदेश के मुताबिक, प्रत्येक कक्षा में 50 फीसद छात्रों को अनुमति होगी तथा उनकी संख्या के आधार पर शिफ्ट में कक्षाएं संचालित होंगी। संस्थान सुबह 8.30 बजे से शाम 5 बजे तक रविवार को छोड़कर रोजाना कक्षाएं लगा सकेंगे।


वहीं, कामकाज का समय बढ़ाए जाने तथा शनिवार को भी कक्षाएं संचालित किए जाने के फैसले पर अकादमिक क्षेत्र का एक वर्ग खासकर विपक्षी पार्टियों से जुड़े शिक्षक संघों ने नाराजगी जताई है।

औरंगाबाद में 9वीं-10वीं कक्षाओं के लिए स्कूल खुले
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में सोमवार को 9वीं, 10वीं कक्षाओं के लिए स्कूल खोल दिए गए। स्थानीय निकायों के स्कूलों में पहले दिन छात्रों की अच्छी उपस्थिति रही। स्कूलों को खोलने से पहले 28 दिसंबर से 3 जनवरी के बीच 31,358 शिक्षकों तथा अन्य स्टाफ की आरटी-पीसीआर जांच की गई, जिनमें से दो शिक्षक कोरोना पॉजिटिव मिले।

सरकार के गाइडलाइन के मुताबिक होंगे ये प्रावधान
कक्षा में एक विद्यार्थी जिस सीट पर बैठेगा उससे कम से कम छह फीट की दूरी पर दूसरे छात्र के बैठने की व्यवस्था आवश्यक है। एक सीट के बेंच-डेस्क पर भी छह फीट की दूरी जरूरी। शिक्षक के स्टाफ रूम, कार्यालय तथा रिसेप्शन कक्ष में भी छह फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था आवश्यक है। जहां विद्यार्थियों की संख्या अधिक है वहां शैक्षणिक संस्थान दो पाली में चलेंगे।

माता-पिता की सहमति जरूरी होगी
शिक्षा विभाग ने बच्चे स्कूल आएं इसके लिए विद्यालय प्रशासन को अभिभावकों की सहमति लेना जरूरी कर दिया है। अगर बच्चा घर से ही पढऩा चाहता है तो उसकी भी मंजूरी देनी होगी। माता-पिता से बच्चों के स्वास्थ्य के संबध में स्वघोषणा पत्र लेना आवश्यक है। वहीं जो बस बच्चों को लाएंगी और ले जाएंगी, दो बार सैनिटाइज करना जरूरी होगा। बस पर चढ़ने के समय बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी होगी।

बिहार में सोमवार से खुल रहे हाईस्‍कूल, फ्री मिलेंगी कई चीजें
सोमवार को प्रदेश के तमाम सरकारी समेत निजी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय खुल जाएंगे। कक्षा 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई को लेकर सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। पहले दिन केवल 50 फीसद विद्यार्थी ही कक्षाओं में आएंगे। सभी विद्यालयों को पिछले 24 दिसंबर को सरकार द्वारा कोविड-19 के संक्रमण से बचाव संबंधी जारी गाइडलाइन का अनुपालन अनिवार्य है। गाइडलाइन में कोरोना प्रोटोकॉल के अन्य इंतजाम व बस से पहुंचने वाले विद्यार्थियों के लिए भी आवश्यक व्यवस्था जरूरी है। स्कूलों में आने वाले सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को भी कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन कराने को कहा गया है। सरकारी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को दो-दो निशुल्क मास्क दिए जाएंगे। इसे लेकर सभी जिला शिक्षा अधिकारियों ने अपने-अपने स्तर पर प्रधानाध्यापकों के साथ बैठक कर उन्हें विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से दोगुने मास्क मुहैया कराए जा चुके हैं।

ओडिशा में 10वीं एवं 12वीं के लिए 100 दिनों की कक्षाएं
ओडिशा सरकार राज्य भर में स्कूलों को फिर से खोलने पर सहमत हो गई है। तदनुसार, कक्षा 10 और कक्षा 12 के छात्रों के लिए स्कूल 8 जनवरी को राज्य में फिर से खुलेंगे। यह जानकारी स्कूल और लोक शिक्षा विभाग द्वारा दी गई है। कोविड महामारी का डर अभी भी कायम है। इसलिए, सरकार ने केवल 10 वीं और 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने अपने परिपत्र में कहा है कि कक्षा 10 के छात्रों के लिए पाठ्यक्रम 26 अप्रैल तक पूरा हो जाएगा, जबकि प्लस 2 के छात्रों के लिए पाठ्यक्रम 28 अप्रैल तक कवर किया जाएगा। कक्षा 10 और 12 के लिए 100 दिन की कक्षाएं होंगी। हर शनिवार और रविवार को कक्षाओं में भी जाना होगा। दसवीं कक्षा के छात्रों की प्रैक्टिकल परीक्षा 27 अप्रैल से 2 मई तक आयोजित की जाएगी, जबकि बारहवीं कक्षा के छात्रों की परीक्षा 29 अप्रैल से 14 मई के बीच आयोजित की जाएगी। वार्षिक हाई स्कूल सर्टिफिकेट (HSC) दसवीं कक्षा के छात्रों के लिए परीक्षा बीएसई द्वारा 3 मई से 15 मई तक आयोजित किया जाएगा, जबकि सीएचएसई द्वारा आयोजित कक्षा 12 वीं की वार्षिक परीक्षा 15 मई से 11 जून तक आयोजित की जाएगी।

पटना में 4 जनवरी से खुलेंगे स्‍कूल, एक क्‍लास में 20 बच्‍चे रहेंगे
सोमवार 4 जनवरी से, पटना सहित बिहार राज्य के अधिकांश स्कूल 9 से 12 तक की पढ़ाई शुरू करेंगे। कोरोना गाइडलाइन के बाद, वर्तमान में केवल 20 बच्चे एक कक्षा में बैठ पाएंगे। तीन बेंचों के बीच एक खाली स्थान रखा जाएगा। सीबीएसई के सिटी को-ऑर्डिनेटर डॉ। राजीव रंजन सिन्हा का कहना है कि राज्य सरकार के निर्देश पर 4 जनवरी से निजी स्कूल खोलने की तैयारी पूरी कर ली गई है। वर्तमान में आधे बच्चों को एक कक्षा में बुलाया जाएगा। यानी एक दिन में एक कक्षा में केवल बीस बच्चों को बुलाने की व्यवस्था की गई है। डॉ। सिन्हा का कहना है कि बच्चों को वर्तमान में ऑड और इवन नंबर के आधार पर बुलाया जा रहा है। इससे हर वर्ग के बच्चों को हर दिन स्कूल आने का मौका मिलेगा। लोयला मोंटफोर्ट मोंटेसरी होम के प्रिंसिपल ब्रदर माइक का कहना है कि किसी भी छात्र को बिना मास्क के स्कूल में प्रवेश नहीं मिलेगा। सभी छात्रों को घर से मास्क पहनना चाहिए। जो छात्र किसी कारणवश मास्क पहनकर नहीं आते हैं, उनके लिए भी स्कूल के गेट पर मास्क पहनने की व्यवस्था की जाएगी। यहां, प्रत्येक छात्र के तापमान की जांच करने के बाद स्कूल भेजा जाएगा। स्कूल परिसर के अंदर भौतिक दूरी भी बनाए रखी जाएगी। किसी भी मास्क को एंट्री नहीं दी जाएगी। स्कूल आने वाले बच्चों को माता-पिता से सहमति प्राप्त करने की आवश्यकता होगी। सहमति लेने के बाद ही बच्चों को स्कूल आना होगा। स्कूल गेट पर ही सेनिटाइजर की व्यवस्था होगी। सभी छात्रों को प्रवेश के बाद स्कूल परिसर में प्रवेश दिया जाएगा।

दो प्री बोर्ड परीक्षाएं होंगी
पाटलिपुत्र सहोदय के पूर्व कोषाध्यक्ष एके नाग का कहना है कि दसवीं और बारहवीं की मुख्य परीक्षाओं से पहले दो प्री बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। पहली प्री-बोर्ड परीक्षा जनवरी में और दूसरी मार्च में आयोजित की जाएगी। बोर्ड की मुख्य परीक्षा मई में आयोजित की जाएगी।

बसों को भी सैनिटाइज किया जाएगा
स्कूल संचालकों का कहना है कि प्रत्येक फेरे के बाद बसों को सैनिटाइज किया जाएगा। बसों में आधी सीटों पर बच्चों को बैठाने की व्यवस्था की जाएगी। बसों की आधी सीटें खाली रखी जाएंगी। बसें भौतिक दूरी का भी ध्यान रखेंगी।

जमशेदपुर में सोमवार से खुलेंगे प्राइवेट स्‍कूल, जानिए क्‍या है गाइडलाइन
जमशेदपुर में निजी स्कूल सोमवार यानी चार जनवरी से खुल जाएंगे। इस बाबत अनएडेड स्कूल एसोसिएशन तथा निजी स्कूलों के प्रिंसिपलों की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। स्कूलों की ओर से अभिभावकों को समय सारिणी की सूचना भी दे दी गई। परीक्षा को देखते हुए कक्षा दसवीं एवं 12वीं के छात्रों के पठन-पाठन कार्य के लिए स्कूलों को शीतकालीन अवकाश के बाद खोला जा रहा है। कई निजी स्कूलों में एक साथ बच्चे आएंगे तो कई वैकल्पिक दिन (अल्टरनेट डे) पर। आइसीएसई व सीबीएसई स्कूलों ने प्रैक्टिकल व थ्‍योरी के लिए अलग-अलग कार्यक्रम निर्धारित किए गए हैं।

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