भारत में करीब 50 लाख लोगों की कोरोना से हुई मौत, बताया-सबसे बड़ी त्रासदी, अमेरिकी रिपोर्ट का दावा

न्यूज़ डेस्क। कोरोना वायरस के संक्रमण की तीसरी लहर के संभावित खतरों से जूझ रहा भारत दूसरी लहर में ही कोरोना का विकराल रूप देख चुका है, ये अमेरिकी रिपोर्ट ने दावा किया है कि भारत के बंटवारे के बाद कोरोना के रूप में भारत ने सबसे बड़ी मानव त्रासदी देखी है। भारत सरकार के मुताबिक भले ही सरकारी आंकड़ों के हिसाब से कोरोना से करीब चार लाख से अधिक मौतें हुई हों, मगर अमेरिकी रिपोर्ट में इससे 10 गुना अधिक होने का दावा किया गया है।

अमेरिकी शोध समूह की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत को कोरोना महामारी ने गंभीर रूप से प्रभावित किया है। भारत में कोरोना महामारी से 34 से 47 लाख मौतें हुई हैं, जो कि केंद्र सरकार के आंकड़ों से 10 गुना ज्यादा है। दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के मामले में भारत दूसरे स्थान पर और संक्रमितों की मौत के मामले में तीसरे स्थान पर है. दुनियाभर में कोरोना से संक्रमण और मौत के मामलों में अमेरिका पहले स्थान पर है।

वाशिंगटन के अध्ययन संस्थान सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट की ओर से मंगलवार को जारी रिपोर्ट में सरकारी आंकड़ों, अंतरराष्ट्रीय अनुमानों, सेरोलॉजिकल रिपोर्टों और घरों में हुए सर्वे को आधार बनाया गया है। अमेरिकी अध्ययन की इस चौंकाने वाली रिपोर्ट को तैयार करने वालों में चार साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन भी शामिल हैं। अरविंद सुब्रमण्यन, के अलावा अभिषेक आनंद और जस्टिन सैंडफर भी इस रिपोर्ट को तैयार करने वालों में शामिल हैं।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मृतकों की वास्तविक संख्या कुछ हजार या लाख नहीं दसों लाख है। गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों पर पहले भी संशय जताया गया है।

अमेरिकी अध्ययन में कहा गया है कि भारत में जनवरी 2020 से जून 2021 के बीच कोविड-19 से लगभग 50 लाख (4.9 मिलियन) लोगों की मृत्यु हुई है, जिससे यह विभाजन और स्वतंत्रता के बाद से देश की सबसे बड़ी मानव त्रासदी बन गई है। सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट ने रिपोर्ट में भारत में मौतों के अनुमानों की तीन रूपरेखा तैयार की है। ये सभी भारत में मौत के आधिकारिक आंकड़े चार लाख से 10 गुना ज्यादा होने की ओर इशारा करते हैं।

हालांकि शोधकर्ता यह स्वीकार करते हैं कि सांख्यिकीय आकलन के साथ कोविड-मृत्यु का अनुमान लगाना आंकड़ों को भटकाने वाला साबित हो सकता है, रिपोर्ट में कहा गया है कि मौत का आंकड़ा ‘आधिकारिक गणना से अधिक परिमाण का एक क्रम होने की संभावना है’ और ‘सैकड़ों हजारों के बजाय अब तक लाखों लोग मर गए होंगे।’

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