कोरोना के खिलाफ 77.8% प्रभावी है COVAXIN का टीका, सामने आए फेज-3 क्लिनिकल ट्रायल के नतीजे

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के बीच देश में बीते सोमवार यानी 21 जून से 18 वर्ष से अधिक आयुवर्ग वाले लोगों को भी मुफ्त में कोविड वैक्सीन का टीका लगाने का अभियान शुरू हो चुका है। इस बीच देश में भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) द्वारा पहले ही मान्यता प्राप्त कर चुकी स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन के तीसरे क्लिनिकल ट्रायल के नतीजे सामने आ गए हैं। सूत्रों के मुताबिक फेज 3 के परीक्षण डेटा से पता चलता है कि कोवैक्सीन का टीका कोरोना वायरस के खिलाफ 77.8% प्रभावी है।

कई मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि देशभर में कोवैक्सीन के फेज-3 क्लिनिकल ट्रायल में टीके ने कोरोना वायरस के खिलाफ 77.8 प्रतिशत असर दिखाया है। विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने भारत बायोटेक के डेटा की समीक्षा की है, लेकिन अभी तक कोई मंजूरी नहीं दी गई है। जानकारी के मुताबिक विशेषज्ञों के एक पैनल ने मंगलवार की दोपहर कोवैक्सिन परीक्षण के परिणामों की समीक्षा के लिए बैठक की। बताया जा रहा है कि एसईसी अब डेटा को समीक्षा के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) को भेजेगा। भारत बायोटेक ने मंगलवार को एक प्रस्तुति दी जिसमें पैनल को डेटा प्रस्तुत किया गया, जिसमें कोवैक्सिन की 77.8% प्रभावकारिता दिखाई गई।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस संकट के बीच भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोविड वैक्सीन कोवैक्सीन के फेज 3 क्लिनिकल ट्रायल के नतीजे आने से पहले ही इसे इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी गई थी। इसे लेकर भारत सरकार की काफी आलोचना भी हुई थी लेकिन इन सब के बावजूद देश में करोड़ों लोगों को कोवैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। अब जब नतीजे सामने आ गए हैं तो कोविड के खिलाफ वैक्सीन की प्रभावी दर को लेकर एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार को सवालों का सामना करना पड़ सकता है। इस बीच यह भी सवाल खड़ा होता है कि क्या जिन्हें कोवैक्सीन दी जा रही है वह कोरोना वायरस से सुरक्षित हैं?

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