Covid-19: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तुरंत जांच बढ़ाने को कहा
नई दिल्ली। देश में कोरोना और उसके नए ओमिक्रॉन (Omicron) वेरिएंट के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। भारत में रोजाना करीब 2। 50 लाख केस सामने आ रहे हैं। कोरोना पर काबू पाने के लिए राज्य सरकारों ने कई पाबंदियां (Covid Restriction) लगा रखी हैं। साथ-साथ वैक्सीनेशन अभियान (Covid Vaccine Update) भी तेजी से चल रहा है। इन सबके बीच केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 जांच की संख्या में गिरावट को चिह्नित करते हुए जांच बढ़ाने को कहा ताकि महामारी के प्रसार पर प्रभावी ढंग से नजर रखी जा सके और तत्काल नागरिक केंद्रित कार्रवाई शुरू की जा सके। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव आरती आहूजा ने उन्हें इस पहलू पर तुरंत ध्यान देने और विशिष्ट क्षेत्रों में मामले की सकारात्मकता के रुझान को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक तरीके से जांच बढ़ाने की सलाह दी।
.@MoHFW_INDIA asks all States/UTs "to immediately increase testing in a strategic manner keeping in view the trend of case positivity in specific areas in the States/UTs" pic.twitter.com/xLh0IETBbT
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) January 18, 2022
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ओमिक्रॉन वर्तमान में पूरे देश में फैल रहा है। मंत्रालय के पहले के पत्रों और पिछले साल 27 दिसंबर को ओमिक्रॉन के संदर्भ में महामारी प्रबंधन की व्यापक रूपरेखा तैयार करने की गृह मंत्रालय की सलाह का उल्लेख करते हुए, आहूजा ने कहा कि जांच कराना एक महत्वपूर्ण घटक है।
उन्होंने पत्र में लिखा, ‘हालांकि, ICMR पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों से यह देखा गया है कि कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जांच में गिरावट आई है। ’ उन्होंने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा जारी सभी परामर्शों में मूल उद्देश्य त्वरित पृथकवास और मामलों का शीघ्र पता लगाना है। आहूजा ने कहा, ‘बीमारी को उन लोगों में गंभीर श्रेणी में बढ़ने से रणनीतिक जांच के जरिये रोका जा सकता है, जिनमें उच्च जोखिम हैं और जो संवेदनशील हैं, साथ ही उन क्षेत्रों में जहां प्रसार अधिक होने की आशंका है। ’
उन्होंने कहा कि परामर्श को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के पहले के दिशा-निर्देशों और सलाह के साथ पढ़ने की जरूरत है, जिसमें यह सिफारिश की गई है कि उन लोगों की रणनीतिक और केंद्रित जांच की जानी चाहिए, जो कमजोर हैं और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में रहते हैं।