कोरोना के खतरनाक Delta+वैरिएंट को रोकने के लिए केंद्र ने राज्यों को लिखा पत्र, WHO ने दी चेतावनी

न्यूज़ डेस्क। कोरोना वायरस का खतरनाक वैरिएंट डेल्टा अब देश के कई हिस्सों में अपने पैर पसारने लगा है। 8 राज्यों महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और तेलंगाना में इस खतरनाक वैरिएंट के 50 फीसदी मामले मिले हैं। इसे लेकर केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है और इसे रोकने के उपाय पर काम शुरू कर दिया गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शुक्रवार को तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर डेल्टा प्लस वैरिएंट के प्रसार को रोकने के उपायों को बढ़ाने का निर्देश दिया है। केंद्र सरकार ने राज्‍यों से कॉन्‍टैक्‍ट ट्रेसिंग बढ़ाने के लिए कहा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी है चेतावनी

इसके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस एदानॉम गेब्रेसियस ने भी इस वैरिएंट को लेकर चिंता जाहिर की है और कहा है कि सबसे पहले भारत में चिह्नित किया गया डेल्टा स्वरूप कोविड-19 के अब तक पहचाने गए सभी स्वरूपों में सबसे ज्यादा संक्रामक पाया गया है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डेल्टा स्वरूप के 85 देशों में पहुंच बना लेने को लेकर सतर्क किया और कहा कि 11 देशों में यह पिछले दो सप्ताह में ही पहुंच गया है।

देश के 35 राज्यों के 174 जिलों में डेल्टा वैरिएंट मिल चुका है

ज्ञात हो कि हाल ही में सामने आए डेल्टा प्लस के मामले अब तक देश के 12 राज्यों में सामने आ चुके हैं। इन राज्यों में 49 सैंपल में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला है, जिसे सरकार ने हाल ही में गंभीर वैरिएंट के रुप में घोषित किया था। राष्ट्रीय महामारी नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि देश में अब तक 21,109 सैंपल में गंभीर वैरिएंट मिल चुके हैं। इनमें एल्फा 3969, बीटा 149, गामा एक और डेल्टा व कापा वैरिएंट 16238 सैंपल में मिला है।

उन्होंने बताया की कोरोना महामारी की दूसरी लहर से पहले फरवरी और मार्च में सबसे ज्यादा अल्फा वैरिएंट मिल रहा था, लेकिन मई और जून में 90 फीसदी सैंपल में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हो रही है। देश में अब तक कोरोना के 120 म्युटेशन सामने आ चुके हैं, लेकिन उनमें से गंभीर आठ वैरिएंट हैं जो सबसे ज्यादा भारतीय कोरोना संक्रमितों में मिल रहे हैं।

महाराष्ट्र में मिले हैं सबसे ज्यादा मरीज

बीते साल दिसंबर 2020 में देश के एक जिले में डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित मरीज मिला था, जिसके बाद मार्च 2021 तक डेल्टा 54 जिलों तक पहुंच गया था, लेकिन अब यह 174 जिलों तक पहुंच गया है। सबसे पहले यह महाराष्ट्र में मिला था।

वहीं, डेल्टा+ की बात करें तो महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 20, तमिलनाडु में नौ, मध्य प्रदेश में 07, पंजाब में 02, गुजरात में 02, केरल में 03, आंध्र प्रदेश-ओडिशा-राजस्थान-जम्मू कश्मीर और कर्नाटक में भी एक-एक मरीज मिल चुका है। अबतक देश में इस वैरिएंट से संक्रमित 3 मरीजों की मौत हो गई है जिसमें महाराष्ट में एक, मध्यप्रदेश में 2 मरीजों की मौत हो गई है।

चालाक हो सकता है वैरिएंट

इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी (आइजीआइबी) के निदेशक डा. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि अभी तक डेल्टा प्लस को लेकर जानकारी मिली है, उससे वह डेल्टा की तरह ही जान पड़ता है। अगर डेल्टा वैरिएंट आफ कंसर्न है तो डेल्टा प्लस भी उसी श्रेणी में आता है। डेल्टा से ही डेल्टा प्लस बना है। उनका कहना है कि संक्रामकता को लेकर यह ज्यादा खतरनाक नहीं लग रहा, लेकिन एंटीबाडी और प्रतिरक्षा को चकमा दे सकता है।

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