देश में 6 कोरोना वैक्सीन के साथ चार राज्यों में ड्राई रन (Dry Run) ट्रायल जारी, यंहा पढ़े.. कैसे किया जायेगा मॉक ड्रिल

नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन के लिए देश का इंतजार जल्द खत्म होगा । केंद्र सरकार ने इसकी तैयारी कर ली है। जनवरी में कोरोना वैक्सीन के पहले चरण का टीकाकरण शुरू हो जाएगा। जिसके लिए केंद्र सरकार सोमवार से ड्राई रन शुरू करने जा रही है। सोमवार को 4 राज्यों पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश और गुजरात में टीकाकरण का ड्राय रन (Dry Run) शुरू होगा। ये अभ्यास दो दिन तक होगा।

पहले चरण में जरूरतमंदों तक कोरोना वैक्सीन पहुंचाने की तैयारी को पुख्ता करने के लिए अभ्यास किया जाएगा। चारों राज्यों के दो-दो जिलों में ये ड्राय रन चलेगा। इस पूरे अभ्यास के दौरान किसी वैक्सीन को शामिल नहीं किया जाएगा। सिर्फ काम करने के तरीकों की जांच होगी। इस दौरान को-विन ऐप के जरिेए वास्तविक समय की निगरानी भी की जाएगी।

कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन में लोगों को सचमुच में वैक्सीन नहीं दी जाएगी, बल्कि सिर्फ लोगों का डाटा लिया जाएगा। इसे सरकार की ओर से को-विन ऐप पर अपलोड किया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में फिलहाल नौ कोरोना वैक्सीन बन रही हैं, जो ट्रायल के अलग-अलग स्तर पर हैं। इनमें से छह के क्लीनिकल ट्रायल जारी हैं। भारत की ऑरोबिंदो फार्मा और अमेरिकी के ऑरोवैक्सीन साथ मिलकर एक वैक्सीन बनी रहे हैं, जो फिलहाल प्री-डेवेलपमेन्ट स्टेज पर है। इसके साथ ही फाइजर, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और भारत बायोटेक ने भारत में अपनी वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए मंजूरी मांगी है।

भारत में इस समय 6 कोरोना वैक्सीन पर ट्रायल जारी है। उनमें कोवैक्सीन , ऑक्सफोर्ड-ऐस्ट्राजेनिका , जाइकोव-डी, स्पुतनिक-वी, एनवीएक्स-कोवी2373 (NVX-CoV2373), एचजीसीओ19 (HGCO 190 शामिल हैं।

इस ड्राय रन के पहले दिन 28 दिसंबर को वैक्सीन संबंधी डाटा को लेकर तैयार किए गए को-विन एप को चलाकर देखा जाएगा। इस ट्रायल के प्रमुख उद्देश्य में को-विन एप्लीकेशन के प्रयोग की कार्यशील संभावना का मूल्यांकन करना भी शामिल है।

एक मॉक ड्रिल के तौर पर वैक्सीन को छोड़कर सभी चीजों की टेस्टिंग होगी। प्रेक्टिकल तौर पर काम करने का अभ्यास किया जाएगा। डेटा को को-विन ऐप में फीड किया जाएगा, कोल्ड स्टोरेज का परीक्षण किया जाएगा, कोल्ड स्टोरेज से साइटों तक टीकों के परिवहन, साइटों पर ट्रैफिक प्रबंधन की जांच की जाएगी।

इसके साथ ही टीकाकरण के लिए, जितनी संभव हो उतनी जगहों का उपयोग किया जाएगा। इसलिए, ड्राय रन भी सभी विभिन्न सेटिंग्स- जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों या प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र, शहरी स्थल, निजी स्वास्थ्य सुविधा और ग्रामीण आटरीच में आयोजित किया जाएगा।

इस ड्राई रन का टारगेट है चुनौतियों की पहचान करना और योजना में जरूरी परिवर्तन करना है, ताकि अंतिम प्रक्रिया में कोई गलती न हो। साथ ही इससे कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण की प्रक्रिया में शामिल प्रबंधकों को हाथों-हाथ अनुभव मिलेगा कि विभिन्न स्तरों पर सब कैसा होगा।

मॉक ड्रिल में ब्लॉक और जिला स्तरों पर समवर्ती निगरानी और समीक्षा, राज्य और केंद्र के साथ साझा किए जाने वाले फीडबैक की तैयारी शामिल होगी।

देश में अब तक कोई वैक्सीन तो नहीं आई है, लेकिन इसको लेकर केंद्र सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं। सरकार ने कहा है कि देश में जब भी वैक्सीन आएगी वो पहले चरण में करीब 30 करोड़ लोगों को टीका देगी।

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