क्या आप भी मास्क पहनने में कर रहे हैं लापरवाही, तो एक बार ये वीडियो देख लें, सब समझ में आ जाएगा
नई दिल्ली। भारत में भले ही कोरोना वायरस की दूसरी लहर थमती नजर आ रही है। लेकिन दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने साफ-साफ इस बात की चेतावनी दी है कि अगर लॉकडाउन में छूट मिलने पर कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं किया गया, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा गया तो कोरोना की तीसरी लहर 6-8 हफ्तों में आ जाएगी। ऐसे में अगर अब भी आप में से कुछ लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं या फिर मास्क पहनने में लापरवाही कर रहे हैं तो सर्तक हो जाएं। जिन लोगों को ये लगता है कि मास्क पहनने से कुछ नहीं होगा और ये बेकार है… तो आप लोग ये वीडियो जरूर देख लें।
ट्विटर पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में सर्जिकल मास्क को विजुअल आर्ट के जरिए बहुत अधिक जूम करके दिखाया गया है, जिससे ये पता चल जाएगा कि मास्क कोरोना के वायरस को कैसे रोकता है। इस वीडियो को ट्विटर पर डॉक्टर अरविंद सिंह सोनी ने अपने अधिकारिक हैंडल से शेयर की है।
वीडियो को शेयर कर डॉक्टर अरविंद सिंह सोनी ने लिखा है, ”अब आपको समझ में आया कि आखिर मास्क क्यों जरूरी है। आप सब मास्क पहनिए।” अपने एक अन्य ट्वीट में डॉक्टर अरविंद सिंह सोनी ने बताया है है कि ये एक यह एक विजुअल आर्ट है, जिसमें शानदार तरीके से एडिटिंग करके आपको मास्क की अहमित बताई गई है। असल में किसी भी वायरस को देखने के लिए कई तरह के माइक्रोस्कोप की जरूरत पड़ती है।”
Does it make sense now? Wear a mask! pic.twitter.com/j481NefwsQ
— Dr. Arvinder Singh Soin (@ArvinderSoin) October 21, 2020
हालांकि वीडियो को डॉक्टर अरविंद सिंह सोनी ने अक्टूबर 2020 में शेयर किया था। लेकिन कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बाद इस वीडियो को फिर से कई ट्विटर यूजर द्वारा फिर से साझा किया जा रहा है। खबर लिखे जाने तक वीडियो पर 5.20 लाख से अधिक व्यूज है। वीडियो को 14 हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक्स किए हैं। वीडियो पर 15 हजार से ज्यादा रीट्वीट हैं।
ज्ञात हो कि जब हम बात करते हैं तो हमारे एक लाइन कहने जितना भर में 20 से 500 माइक्रोमीटर तक की सैकड़ों बूंदें उत्पन्न होची हैं। लेकिन आपने मास्क पहना हुआ है तो लगभग सभी बूंदें रूक जाती हैं। इन्फ्लूएंजा या सामान्य सर्दी वाले लोगों पर किए गए एक रिसर्च में पाया गया है कि सर्जिकल मास्क पहनने से बूंदों और एरोसोल में उत्सर्जित होने की मात्रा में काफी कमी आई है।