MSME के दूसरे चरण में वित्त मंत्री ने वन नेशन वन राशन कार्ड योजना का किया ऐलान, प्रवासी मजदूरों को ३ महीने मिलेगा मुफ्त राशन, पढ़े किसे क्या दिया……

नई दिल्ली। कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से सुस्त हुई अर्थव्यवस्था और आम लोगों को राहत देने के लिए PM नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज के दूसरे चरण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को ऐलान किया। वित्त मंत्री ने प्रवासी मजदूरों, फेरीवालों, छोटे कारोबारियों और किसानों और मिडिल क्लास के लिए घोषणाएं की हैं। निर्मला सीतारमण ने कहा कि किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए सस्ता कर्ज दिया जाएगा तो प्रवासी मजदूरों को 2 महीने तक मुफ्त राशन देने का फैसला किया गया है। मिडिल क्लास के लिए हाउजिंग लोन सब्सिडी योजना को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है। शहरी गरीबों और प्रवासी मजदूरों के लिए सस्ते किराये के घर उपलब्ध कराने की भी घोषणा की गई है।

2.5 करोड़ किसानों को रियायती दर पर 2 लाख करोड़ रुपए का ऋण दिया जाएगा। इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। मछुआरों और पशुपालकों को भी इसका लाभ मिलेगा।

कृषि सीजन में किसानों ने बहुत मेहनत की है और उत्पादन किया है। छोटे और सीमांत किसानों को लाभ देने के लिए 30 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त सुविधा दी जाएगी। यह नाबार्ड के 90 हजार करोड़ रुपए के अलावा है। यह पैसा कोऑपरेटिव बैक्स के जरिए सरकारों को दिया जाएगा। इसका फायदा 3 करोड़ किसानों को मिलेगा।

रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए और ग्रामीण, आदिवसी इलाकों के लिए कैंपा फंड के तहत 6 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा। इससे पौधारोपण, हरियाली बढ़ाने जैसे काम किए जाएंगे।

हाउजिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए 6-18 लाख रुपए की वार्षिक आमदनी वाले मिडिल क्लास के लिए 2017 में लाए गए हाउसिंग लोन सब्सिडी योजना को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है। इसके लिए 70 हजार करोड़ रुपए का पैकेज दिया गया है। एक साल में 2.5 लाख लोग इसका फायदा लेंगे। इससे हाउजिंग सेक्टर को फायदा होगा और नई नौकरियां भी पैदा होंगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रेहड़ी, पटरी, फेरीवालों के लिए सरकार एक महीने में ऋण योजना लाएगी। इसके तहत 50 लाख फेरीवालों को 5 हजार करोड़ रुपए की ऋण सहायता दी जाएगी। ये आसानी से 10 हजार रुपए तक का ऋण ले सकते हैं। ताकी लॉकडाउन खत्म होने के बाद वे अपना काम दोबारा शुरू कर सकें। मोबाइल से पेमेंट करने वाले ऐसे फेरीवालों को प्रोत्साहन दिया जाएगा और आने वाले समय में उन्हें अतिरिक्त लोन मिल सकेगा।

मुद्रा शिशु लोन योजना के तहत 1500 करोड़ रुपए की ब्याज राहत दी जाएगी। एक लाख 62 हजार करोड़ रुपए इसके तहत दिए गए हैं। इससे 3 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों के लिए रेंटल हाउसिंग स्कीम लाएगी। पीपीपी मॉडल पर किराये पर रहने के लिए घर बनाएं जाएंगे, जिनमें वे कम किराए में रह सकते हैं। ताकि वे कम किराया खर्च करके शहर में रह सकें। जो उद्योगपति अपनी जमीन पर ऐसे घर बनाएंगे उन्हें प्रोत्साहन दिया जाएगा। राज्य सरकारों के साथ मिलकर भी इस काम को किया जाएगा।

अगले दो महीने तक सभी प्रवासी मजदूरों को बिना कार्ड के ही 5 किलो प्रति व्यक्ति गेहूं या चावल और एक किलो चना प्रति परिवार देगी। इससे करीब 8 करोड़ प्रवासियों को फायदा होगा। इस पर करीब 3500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी।

वन नेशन वन राशन कार्ड को अगस्त 2020 तक लागू किया जाएगा। इससे 23 राज्यों को 67 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा। पीडीएस योजना के 83 फीसदी लाभार्थी इससे जुड़ जाएंगे। मार्च 2021 तक इसमें 100 फीसदी लाभार्थी जुड़ जाएंगे। देश के किसी भी कोने में लोग अपने राशन कार्ड से उचित मूल्य दुकान से राशन ले सकते हैं।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि अभी केवल 30 पर्सेंट कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन मिल पाता है। सरकार लेबर कोड पर काम कर रही है इसके तहत सभी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन तय किया जाएगा। सभी राज्यों में न्यूनतम वेतन में अंतर को खत्म किया जाएगा। 10 से अधिक कर्मचारियों वाले सभी संस्थानों के लिए देश के सभी जिलों में ईएसआईसी सुविधा को लागू किया जाएगा। 10 से कम कर्मचारी वाले संस्थान भी स्वेच्छा से ईएसआईसी से जुड़ सकते हैं। सभी कर्मचारियों का साल में एक बार स्वास्थ्य परीक्षण कराना अनिवार्य होगा। स्थायी कर्मचारियों को एक साल में ही मिलेगा ग्रैच्युटी का लाभ, अभी 5 साल की सेवा के बाद मिलता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि 3 करोड़ किसानों ने 4.22 लाख करोड़ रुपये के लोन पर लोन मोराटोरियम की सुविधा ली है। इसके अलावा ब्याज पर छूट, फसलों पर इंसेंटिव को 31 मई 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं। इन पर लोन लिमिट 25 करोड़ होगी।

ग्रामीण इलाकों में मार्च और अप्रैल महीने में 63 लाख ऋण मंजूर किए गए, जो करीब 86 हजार 600 करोड़ रुपए का है। गांव में कॉओपरेटिव बैंक की महत्वपूर्ण भूमिका है। इनमें मार्च 2020 में नाबार्ड ने 29 हजार 500 करोड़ रुपए की रिफाइनैसिंग की है। रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 4200 करोड़ रुपये मार्च 2020 तक दिए गए हैं।

केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को प्रवासी मजदूरों को खाना और भोजन मुहैया कराने के लिए स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड का इस्तेमाल करने की छूट दी है। इस फंड में केंद्र सरकार ने 11002 करोड़ रुपए दिए हैं। प्रति व्यक्ति को दिन में तीन बार खाना दिया जा रहा है। 12 हजार स्वंय सहायाता समहू ने 3 करोड़ मास्क और 1.20 लाख लीटर हैंड सैनिटाइजर बनाए हैं। गुजरात के बाद अब पूरे देश में सेल्फ हेल्प ग्रुप के लिए पैसा पोर्टल की शुरुआत की जाएगी। दो महीने में 72 हजार नए ग्रुप बने हैं।

मनरेगा के तहत 14.6 करोड़ व्यक्ति दिवस कार्य 13 मई तक हुए हैं। अब तक इस पर 10 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। 1.87 लाख ग्राम पंचायतों में 2.33 करोड़ लोगों को काम दिया गया है। पिछले साल मई की तुलना में 40-50 पर्सेंट कामगार बढ़े हैं। इनके लिए मजदूरी को पहले ही 182 रुपए से बढ़ाकर 202 रुपए कर दिया गया है।

इससे पहले बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई सेक्टर के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया था। इसके अलावा टैक्सपेयर्स और नौकरीपेशा लोगों के लिए भी मदद का ऐलान किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण मंद पड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और इस संकट को एक अवसर के रूप में बदलने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज में से तीन लाख करोड़ रुपए का कोलेट्रल फ्री ऋण एमएसएमई को दिया जाएगा। इसके साथ ही एमएसएमई के परिभाषा में बदलाव करते हुए मध्यम उद्यम के कारोबार की सीमा को बढ़ाकर 100 करोड़ रुपए कर दिया गया है।

वित्त मंत्री ने MSME की परिभाषा में बदलाव, ढ़ांचा गत और आवास क्षेत्र की परियोजनाओं को पुरा करने लिए ठेकेदारों और डेवलपर को बिना हर्जाने के छह माह का अतिरिक्त समय देने, टीडीएस और टीसीएस कटौती की दर में चौथाई कमी करने, आयकर रिटर्न जमा करने का समय नवंबर तक बढ़ाने , ईपीएफओ अंशदान में सहूलियत की भी घोषणा की।  इन उपायों से नकदी का प्रवाह बढ़ने और कारोबार में आसानी की उम्मीद है। पहले चरण का पैकेज मुख्यत: छोटी मझोली इकाइयों पर केंद्रित है। इसमें एमएसएमई क्षेत्र के लिए बिना गारंटी के तीन लाख करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने और गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) को और अधिक नकदी उपलब्ध कराने के उपाय जैसी कई घोषणायें शामिल हैं।

1. इस अभियान के तहत MSME के लिए तीन लाख करोड़ रुपए का कोलेट्रल फ्री ऋण देने का प्रावधान किया गया है। यह ऋण चार वर्ष के लिए होगी और पहले एक वर्ष मूलधन का भुगतान नहीं करना होगा। इसके तहत 100 करोड़ रुपए के कारोबार वाले एमएसएमई को 25 करोड़ रुपए तक का ऋण मिलेगा। बैंकों और एनबीएफसी के लिए शतप्रतिशत गारंटी कवर मिलेगा। यह योजना 31 अक्टूबर 2020 तक उपलब्ध होगी।

2. इसके साथ ही MSME के परिभाषा में बदलाव किया गया है। एमएसएमई की नई परिभाषा में माइक्रो उद्यम में एक करोड़ रुपए तक का निवेश किया जा सकेगा और इसके कारोबार की सीमा पांच करोड़ रुपए होगी। इसी तरह से लaघु उद्यम में 10 करोड़ रुपए का निवेश किया जा सकेगा और इसका कुल वार्षिक कारोबार 50 करोड़ रुपए का होगा। मध्यम उद्यम में 20 करोड़ रुपए तक निवेश होगा और इसका कुल कारोबार 100 करोड़ रुपए तक का होगा।

3. तनावग्रस्त MSME की मदद के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इससे ऐसे एमएसएमई को लाभ होगा जो एनपीए या नतावग्रस्त है। इससे दो लाख से अधिक एमएसएमई को लाभ होगा। एमएसएमई में 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जायेगा जो बेहतर कारोबार कर रहे हैं। उनके लिए 10 हजार करोड़ रुपए का फंड ऑफ फंड की स्थापना की जायेगी। इससे एमएसएमई को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने में मदद मिलेगी।

4. 31 जुलाई 2020 और 31 अक्टूबर 2020 तक भरे जाने वाले सभी आयकर रिटर्न की अवधि 30 नंवबर 2020 तक बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही 30 सितंबर तक भरे जाने वोल कर आडिट रिपोर्ट की अवधि भी 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है।

5. पांच लाख रुपए तक के सभी लंबित रिफंड जारी किय जा रहे हैं। अब तक 14 लाख से अधिक रिफंड जारी किय जा चुके है। 30 सितंबर तक की आंकलन तिथि को बढ़ाकर 31 दिसेबर 2020 और 31 मार्च 2021 तक की तिथि को बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 कर दिया गया है।

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