टीके की बर्बादी को लेकर केंद्र के आंकड़े को छत्तीसगढ़ ने बताया गलत, दिया केंद्र को जवाब- हम पर विश्वास नहीं तो भेज सकती है जांच टीम

रायपुर। कोरोना वायरस टीके की बर्बादी को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र सरकार को जवाब दिया है। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक नया पोर्टल बनाया है और वे सीधे टीकाकरण केंद्रों से डेटा एकत्र कर रहे हैं, न कि राज्य सरकार से। उन्होंने कहा है कि कुछ टीकाकरण केंद्रों से डेटा उपलब्ध कराने में देरी हो रही है जिसे केंद्र वैक्सीन वेस्टेज कर रहा है।

दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से जारी नए आंकड़ों के मुताबिक टीकों की बर्बादी वाले राज्यों की सूची में झारंखड, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु टॉप पर है। केंद्र ने छत्तीसगढ़ में टीकों की बर्बादी का आंकड़ा 30.2 फीसदी बताया है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में कई राज्यों में टीकों की बर्बादी में कमी आई है लेकिन कुछ राज्यों में अभी सुधार नहीं देखने को मिला है।

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने केंद्र को जवाब देते हुए कहा कि वे उचित डेटा हासिल किए बिना इसे वैक्सीन की बर्बादी बता रहे हैं। अगर केंद्र सरकार को हम पर विश्वास नहीं है तो वह जांच के लिए अपनी टीम भेज सकती है। उन्होंने आगे कहा कि उनकी मंशा ठीक नहीं और ये बयान राजनीति से प्रेरित है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ टीकाकरण, कोविन सॉफ्टवेयर में हुए बदलावों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की। इसी मीटिंग के दौरान टीकों की किल्लत की जानकारी भी दी गई। मीटिंग की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने की। इसी मीटिंग में टीकों की बर्बादी को लेकर भी चर्चा हुई थी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि अमेरिका के बाद भारत कोविड-19 टीकों की 20 करोड़ से अधिक खुराक लगाने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया है। मंत्रालय ने बताया कि भारत ने 130 दिन में यह टीकाकरण पूरा किया वहीं अमेरिका ने 124 दिन में इतने लोगों को टीका लगाया। ‘अवर वर्ल्ड इन डाटा बेवसाइट और अन्य कई स्रोतों पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 टीकाकरण व्यापक रूप से करने वाले अन्य प्रमुख देशों में ब्रिटेन भी शामिल है जिसने 168 दिन में 5.1 करोड़ लोगों को कोविड टीका लगाया है, वहीं ब्राजील में 128 दिन में 5.9 करोड़ लोगों को और जर्मनी में 149 दिन में 4.5 करोड़ लोगों को टीके की खुराक दी जा चुकी है।

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