पीएम मोदी के नेतृत्व में वैक्सीन क्रांति ने रचा नया कीर्तिमान, 279 दिनों में 100 करोड़ टीकाकरण का आंकड़ा पार करने पर हर देशवासी को गर्व
न्यूज़ डेस्क। आज पूरा देश एक अप्रत्य़ाशित और ऐतिहासिक सफलता का साक्षी बन जश्न मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में हुई वैक्सीन क्रांति ने 279 दिनों में 100 करोड़ टीके लगाकर इतिहास रच दिया है। यह एक ऐसी ‘महान उपलब्धि’ है, जिसे देखकर हर देशवासी का गर्व से सीना चौड़ा हो जाता है। यह क्रांति प्रधानमंत्री मोदी के सक्षम नेतृत्व, स्वास्थ्य मंत्री के कुशल प्रबंधन, स्वास्थ्यकर्मियों की सेवा और समर्पण, राज्यों और देशवासियों के सहयोग से संभव हुई है। वैश्विक कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री मोदी सेनापति की भूमिका में नजर आए हैं। उनके मार्गदर्शन में देश के वैज्ञानिकों और वैक्सीन उत्पादकों के अथक प्रयास का नतीजा है कि जहां एक टीका बनाने में 9-10 साल लगते थे, वहीं भारत ने महज नौ महीने में ही दो-दो वैक्सीन (कोवशील्ड और कोवैक्सीन) का विकास कर दुनिया को अपने सामर्थ्य का लोहा मनवाया।
16 जनवरी, 2021 को शुरू हुआ विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान अपने नौ महीने की यात्रा में सभी आशंकाओं को झुठलाते और बाधाओं को पार करते हुए 130 करोड़ देशवासियों को टीके का सुरक्षा कवच उपलब्ध कराने की राह पर तेजी से आगे बढ़ता रहा। प्रधानमंत्री मोदी ने चरणबद्ध टीकाकरण कर न सिर्फ देश को कोरोना संकट से उबारा, बल्कि ‘वैक्सीन मैत्री’ के तहत दुनिया के करीब 100 देशों को वैक्सीन भेजकर मानवता की मिसाल पेश की। पुरानी स्वास्थ्य प्रणाली और सीमित संसाधन के बावजूद भारत के तेज और रिकॉर्ड तोड़ टीकाकरण ने अमेरिका और चीन जैसे विकसित देशों को भी पीछे छोड़ दिया, जिसकी तारीफ आज पूरी दुनिया कर रही है।
टीकाकरण के मामले में टॉप 10 राज्य
राज्य | पहली खुराक | दूसरी खुराक |
उत्तर प्रदेश | 9.43 करोड़ | 2.78 करोड़ |
महाराष्ट्र | 6.33 करोड़ | 2.88 करोड़ |
पश्चिम बंगाल | 4.97 करोड़ | 1.87 करोड़ |
गुजरात | 4.41 करोड़ | 2.35 करोड़ |
मध्य प्रदेश | 4.94 करोड़ | 1.77 करोड़ |
बिहार | 4.80 करोड़ | 1.54 करोड़ |
कर्नाटक | 4.12 करोड़ | 2.05 करोड़ |
राजस्थान | 4.21 करोड़ | 1.88 करोड़ |
तमिलनाडु | 3.94 करोड़ | 1.44 करोड़ |
आंध्र प्रदेश | 3.10 करोड़ | 1.75 करोड़ |
अर्थव्यवस्था के लिए वरदान साबित हुई वैक्सीन क्रांति
टीकाकरण की तेज रफ्तार आज अर्थव्यवस्था के लिए वरदान साबित हो रही है, क्योंकि यह देशवासियों में सुरक्षा का भाव जगाने में सफल रही है। टीकाकरण की तेज मुहिम की बदौलत तीसरी लहर की आशंका काफी कम करने में कामयाबी मिली है। इस विश्वास ने आर्थिक रिकवरी को रफ्तार देने में अहम भूमिका निभाई है। वित्त मंत्रालय की सितंबर महीने की आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, टीकाकरण की तेज रफ्तार ने कोरोना के बुरे प्रभावों से अर्थव्यवस्था को बाहर निकलने में मदद की है। हर क्षेत्र में वृद्धि के साथ भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से सुधार के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। आने वाले महीनों में इसमें और तेजी आने की उम्मीद है।
‘वैक्सीन मैत्री’ के जरिए अंतरराष्ट्रीय योगदान की प्रशंसा
देश के टीकाकरण अभियान ने 100 करोड़ डोज का आंकड़ा पर कर लिया है। देश में टीकाकरण की सफलता के बाद पिछले महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने घोषणा की थी कि भारत ‘वैक्सीन मैत्री’ कार्यक्रम के तहत अक्टूबर 2021 में कोरोना वैक्सीन का निर्यात फिर से शुरू करेगा। गौरतलब है कि देश में इस साल अप्रैल में महामारी की दूसरी लहर आने के बाद भारत सरकार ने कोरोना वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगा दी थी। भारत ने अनुदान, वाणिज्यिक खेप और कोवैक्स सुविधा के माध्यम से लगभग 100 देशों को 6.60 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज का निर्यात किया था। मोदी सरकार के इस अंतरराष्ट्रीय योगदान की पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है।