‘2000+50 मुस्लिमों के हत्यारे PM मोदी का ट्विटर हैंडल सस्पेंड करो’ – कट्टरपंथी इस्लामी और वामपंथियों ने चलाया ट्रेंड

न्यूज़ डेस्क। अमेरिका में जिस तरह से फेसबुक, ट्विटर और गूगल ने वहाँ के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ कार्रवाई की है, उसके बाद से ही वामपंथियों के एक धड़े में खासा उत्साह है। अब वो चाहते हैं कि ट्विटर इसके बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हैंडल को हमेशा के लिए सस्पेंड कर दे। ऑस्ट्रेलिया के लेखक सीजे वर्लमन (CJ Werleman) से लेकर प्रोफेसर खालिद बेयदौन जैसों ने ‘मोदी नेक्स्ट’ ट्वीट के साथ जैक से पीएम मोदी का हैंडल सस्पेंड करने की माँग की।

दुनिया भर में मुस्लिमों पर तथाकथित अत्याचार को लेकर आवाज़ उठाने का दावा करने वाले सीजे वर्लमन ने लिखा कि नरेंद्र मोदी को ट्विटर से प्रतिबंधित करना एकदम जायज है। उन्होंने दावा किया कि 2002 में मोदी ने ही गुजरात में 2000 मुस्लिमों के नरसंहार के लिए भड़काया था। साथ ही दिल्ली में 2019 में ’50 मुस्लिमों की हत्या’ का आरोप भी उन पर मढ़ा। उन्होंने पीएम मोदी पर भारतीय समाज को कट्टरवादी बनाने का आरोप लगाया।

उधर प्रोफेसर खालिद बेयदौन ने लिखा कि ट्विटर के CEO जैक डॉर्सी को अब नरेंद्र मोदी का हैंडल सस्पेंड कर देना चाहिए, क्योंकि ये तार्किक है और अगला कदम यही उठाया जाना चाहिए। तथाकथित इस्लामोफोबिया को लेकर रिसर्च करने वाले प्रोफेसर के अनुसार, किसी देश के मुखिया द्वारा सत्तावादी ढंग से लोगों को भड़काने का काम सिर्फ अमेरिका में ही नहीं हो रहा है। उन्होंने ‘मोदी नेक्स्ट’ ट्वीट करने की भी अपील की।

इसी तरह कई मुस्लिमों ने भी ऐसा ट्रेंड चलाया। राना सरफराज नामक यूजर ने ट्विटर को ‘मानवता और शांति’ के लिए ऐसा करने की अपील की। हामजा ज़फर ने आरोप लगाया कि भारत में पीएम मोदी और ‘RSS के शासन’ के अंतर्गत मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार में वृद्धि हुई है। उसने जम्मू कश्मीर के लोगों और भारतीय मुस्लिमों के लिए पीएम मोदी को खतरा करार दिया। रमील खान और राहील शरीफ नामक यूजर ने भी इससे सहमति जताई।

तंजीम मोहम्मद नामक वामपंथी ने आइडिया दिया कि अगले लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी को बैन कर दिया जाए। हालाँकि, इस दौरान भारत के कई लोग प्रधानमंत्री के समर्थन में भी आए और कहा कि जिस दिन ट्विटर ने नरेंद्र मोदी के हैंडल को सस्पेंड किया या उनके हैंडल के साथ कुछ भी किया, तो वो तुरंत ही इस प्लेटफॉर्म को छोड़ देंगे। कुछ लोगों ने कहा कि ऐसी स्थिति में हिन्दू ट्विटर का संपूर्ण बहिष्कार करेंगे।

गौरतलब है कि ट्विटर और फेसबुक के बाद गूगल और एप्पल ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर शिकंजा कसा है। गूगल ने सोशल नेटवर्किंग एप्लीकेशन पार्लर (Parler) को प्ले स्टोर से हटा दिया और आरोप लगाया कि वो भड़काऊ कंटेंट्स को अपने प्लेटफॉर्म से हटाने में असफल रहा। एप्पल ने भी नोटिस थमाया। डोनाल्ड ट्रम्प और उनके समर्थकों ने भी सोशल मीडिया से प्रतिबंधित किए जाने के बाद ‘Parler’ को ही अपनी बात रखने का जरिया बनाया था।

सोर्स :ऑपइंडिया

 

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