भारत चीन विवाद के बीच वायुसेना प्रमुख की दो टूक, गलवां घाटी के बहादुरों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख LAC पर भारत और चीन के सैनिकों की बीच हिंसक झड़प और तनाव के मध्य भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल RKS भदौरिया ने शनिवार को कहा कि भारत शांति स्थापित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है लेकिन गालवान घाटी में दिए गए “बलिदान” को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। वायुसेना प्रमुख ने हैदरबाद के नजदीक स्थित वायुसेना अकादमी में संयुक्त स्नातक परेड में यह बात कही।
वायुसेना प्रमुख ने पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच सोमवार को गालवान घाटी में हुई हिंसक झड़प पर कहा, “अत्यधिक चुनौतीपूर्ण हालातों में वीरतापूर्ण कार्रवाई ने किसी भी कीमत पर भारत की संप्रभुत्ता की रक्षा की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाया है।”
#CGP2019 – CAS, एयर चीफ मार्शल RKS भदौरिया ने 21 दिसंबर 19 को डुंडिगल स्थित वायु सेना अकादमी में कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड के अवसर पर 127 फ्लाइट कैडेट्स को President's commission से सम्मानित किया। #IndianNavy व तटरक्षक बल के छह अधिकारियों ने भी पंख अर्जित किया। @IAF_MCC @indiannavy pic.twitter.com/w4UG3oWF64
— Indian Army News हिंदी (@IndianArmyNewsH) December 21, 2019
उन्होंने आगे कहा कि मैं देश को विश्वास दिलाता हूं कि गलवां घाटी के बहादुरों के बलिदान को कभी व्यर्थ नहीं जाने देंगे। उन्होंने कहा, लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कम समय के बावजूद भी हमने जिस तरह से कार्रवाई की, वह एक छोटा सा उदाहरण है।
वायुसेना अध्यक्ष ने भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू और अन्य जवानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने भारतीय वायुसेना अकादमी में मौजूद लोगों से कहा कि कृपया कर्नल संतोष बाबू और उनके बहादुर लोगों को श्रद्धांजलि देने में शामिल हों, जिन्होंने गलवां घाटी में एलएसी का बचाव करते हुए बलिदान दिया।
भारत और चीन सेना के बीच हुई झड़प में हमारे 20 जवानों ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान की। भारतीय सेना ने इस बात की पुष्टि की है। वहीं, सूत्रों ने बताया कि इस झड़प में चीन के 40 सैनिकों की मौत हुई है या फिर घायल हुए हैं।