बंगाल चुनाव : बंगाल में पुराने तेवर में दिखे गृहमंत्री अमित शाह, 200 सीटों के लिए बनाया खास प्लान, मतुआ समुदाय के घर शाह ने खाया खाना
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच गृहमंत्री और बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ‘मिशन बंगाल’ को अंजाम देने में जुटे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल को लेकर तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की भविष्यवाणी लगभग सच साबित हुई थी। अब गृहमंत्री अमित शाह ने बंगाल के विधानसभा चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें जीतने की बात कहकर हलचल मचा दी है। बंगाल में दो सौ सीटें जीतने के पीछे गृहमंत्री अमित शाह का आत्मविश्वास इतना है कि उन्होंने गुरुवार को बांकुड़ा में कार्यकर्ताओं से दो टूक कह दिया, “जिसे हंसना है, वो हंसे, मैं कहकर जा रहा हूं कि भाजपा दो सौ सीटें जीतकर सरकार बनाने जा रही है।”
काफी समय बाद गृहमंत्री अमित शाह अपने आक्रामक तेवर में दिखे, जिसके लिए वह जाने जाते हैं। कोरोना से जंग जीतने के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने पहली बार दौरे के लिए पश्चिम बंगाल को चुना तो इसके पीछे काफी मायने हैं।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “स्वस्थ होने के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने सबसे पहले बंगाल दौरे को तवज्जो देकर अपनी प्राथमिकता स्पष्ट कर दी है। 2017 में भुवनेश्वर में हुई भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष स्पष्ट कहा था कि बंगाल और ओडिशा में जीत पर ही भाजपा का स्वर्णयुग शुरू होगा। ऐसे में शाह वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में अपने इस सपने को हर हाल में पूरा करना चाहते हैं।”
गृहमंत्री अमित शाह के गुरुवार और शुक्रवार के दो दिवसीय दौरे से उनकी रणनीति स्पष्ट हो जाती है। पहले दिन गुरुवार को उन्होंने आदिवासी बाहुल्य बांकुड़ा जिले के चतुरडिही गांव में एक आदिवासी कार्यकर्ता के घर भोजन किया। राज्य में 55 से 60 लाख आदिवासी कई सीटों पर जीत-हार तय करते हैं। ऐसे में आदिवासी परिवार के घर भोजन के जरिए गृहमंत्री अमित शाह ने इस वर्ग को भाजपा के करीब लाने की कोशिश की है। दूसरे दिन गृहमंत्री अमित शाह ने कोलकाता दौरे के दौरान गौरांगनगर में एक मतुआ परिवार के व्यक्ति नवीन विश्वास के घर भोजन किया। मतुआ संप्रदाय के लोग अनुसूचित वर्ग में आते हैं।
Had delicious food for lunch at Shri Navin Biswas ji‘s home in Gauranganagar, Kolkata.
Grateful to the Biswas family for being such a great host. Will always remember their love and affection that they have shown towards me. pic.twitter.com/A59GuopBEs
— Amit Shah (@AmitShah) November 6, 2020
आबादी की बात करें तो वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार बंगाल में दलितों की आबादी करीब 1.85 करोड़ है। जिसमें 80 लाख मतुआ संप्रदाय के लोग हैं। इस प्रकार देखें तो अनुसूचित वर्ग में मतुआ की हिस्सेदारी काफी अच्छी संख्या है। भाजपा मतुआ समुदाय में प्रभाव बढ़ाना चाहती है। क्योंकि कई सीटों पर इस समुदाय के लोग निर्णायक स्थिति में हैं। सूत्रों का कहना है कि गृहमंत्री अमित शाह ने इसलिए भी मतुआ समुदाय के व्यक्ति के घर खाना खाया, क्योंकि इस समुदाय की भाजपा से नजदीकियां भी देखने को मिली हैं। राम मंदिर शिलान्यास के दौरान मतुआ समुदाय ने बंगाल से पानी और मिट्टी भेजी थी।
गृहमंत्री अमित शाह ने बांकुड़ा में बीते गुरुवार को कार्यकर्ताओं से संवाद के दौरान एक खास कार्ययोजना पर निष्ठा के साथ काम करने की अपील की थी। कहा था कि इस कार्ययोजना पर काम कर पार्टी दो सौ से अधिक सीटें जीत सकती है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि गृहमंत्री अमित शाह की बनाई कार्ययोजना में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के लिए कई एक्शन प्लान हैं। जिन्हें अगले कुछ महीनों में जमीन पर उतारा जाना है।
पश्चिम बंगाल यात्रा पर आये गृहमंत्री श्री @AmitShah जी के साथ कोलकाता के गौरीनगर में श्री नवीन बिस्वास जी के घर भोजन किया। संयोजित आयोजन और स्वादिष्ट भोजन के लिए बिस्वास परिवार को दिल से आभार। pic.twitter.com/P4twt2fFOK
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) November 6, 2020
राज्य की ममता बनर्जी सरकार की तुष्टीकरण नीतियों को जनता के बीच जाकर पार्टी उजागर करेगी। खुद उन्होंने अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान ममता बनर्जी सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया। केंद्र सरकार की योजनाओं पर ठीक से अमल न करने, केंद्र से मिली धनराशि के दुरुपयोग, कानून-व्यवस्था बदहाली जैसे मुद्दों पर अब भाजपा लगातार हमलावर रहेगी। पार्टी जनता के बीच जाकर पश्चिम बंगाल के विकास को लेकर अपना विजन भी स्पष्ट करेगी। 2011 से राज्य की सत्ता पर काबिज ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ एंटी इन्कमबेंसी फैक्टर का भी भाजपा लाभ उठाना चाहती है।
भाजपा के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “गृहमंत्री अमित शाह अगर दो सौ से ज्यादा सीटें जीतने की बात कह रहे हैं तो उसके पीछे उनका सर्वे है। लोकसभा चुनाव में उन्होंने अबकी बार, तीन सौ पार की बात कही थी, नतीजे सबको पता हैं। पश्चिम बंगाल में 22 सीटें कहीं थीं तो लक्ष्य के करीब 18 सीटें मिलीं। ऐसे में दो सौ सीटों की बात अतिशयोक्ति कतई नहीं है।”