‘J&K को वापस आतंक के काल में ले जाना चाहता है गुपकार गैंग, सोनिया-राहुल साफ करें स्टैंड’: अमित शाह

न्यूज़ डेस्क। जम्मू-कश्मीर में गुपकार गठबंधन की देश विरोधी गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। इसको देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इससे जुड़ी पार्टियों पर बड़ा हमला बोला है। गुपकार गठबंधन को ‘गुपकार गैंग’ करार देते हुए गृहमंत्री शाह ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए। उन्होंने गुपकार गठबंधन की मुहिम और कांग्रेस के समर्थन को लेकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर निशाना साधा।

गृहमंत्री शाह ने ट्वीट कर सोनिया और राहुल से पूछा, “गुपकार गैंग ग्लोबल हो रहा है! वे चाहते हैं कि विदेशी ताकतें जम्मू और कश्मीर में दखल दें। गुपकार गैंग भारत के तिरंगे का भी अपमान करता है। क्या सोनिया जी और राहुल जी गुपकार गैंग की ऐसी मुहिम का समर्थन करते हैं? उन्हें भारत के लोगों के सामने अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।”

गृहमंत्री शाह ने कहा कि इस ‘ग्‍लोबल गठबंधन’ का मकसद किसी तरह से अनुच्‍छेद 370 को बहाल करना है। उन्होंने दूसरा ट्वीट करते हुए कहा, “कांग्रेस और गुपकार गैंग जम्मू-कश्मीर को आतंक और अशांति के युग में वापस ले जाना चाहते हैं। वे दलितों, महिलाओं और आदिवासियों के वे अधिकार छीन लेना चाहते हैं जो हमने अनुच्‍छेद 370 हटाकर दिए हैं। यही वजह है कि देश की जनता उन्‍हें हर जगह रिजेक्‍ट कर रही है।”

गृह मंत्री ने अगले ट्वीट में कहा, “जम्‍मू और कश्‍मीर हमेशा से भारत का अभिन्न हिस्‍सा रहा है। भारत के लोग राष्‍ट्रहित के खिलाफ बने किसी अपवित्र ‘ग्‍लोबल गठबंधन’ को सहन नहीं करेंगे। या तो गुपकार गैंग देश के मूड के साथ चले नहीं तो लोग उसे डुबो देंगे।”

बीजेपी गुपकार गठबंधन का लगातार विरोध कर रही है। वहीं बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर के पंचायत चुनाव में गुपकार गठबंधन का समर्थन करने और उससे हाथ मिलाने पर कांग्रेस पर हमला बोला है। बीजेपी कहना है कि कांग्रेस देश विरोधी गठबंधन के साथ खड़ी है। इस गठबंधन का एक निश्चित एजेंडा है कि अनुच्छेद 370 को फिर से लागू किया जाना चाहिए।

फारूक अब्दुल्ला जैसे कुछ लोग तो इस सीमा तक चले गए कि उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को दोबारा लागू करवाने के लिए चीन की भी सहायता लेनी पड़ें तो हम लेंगे। वहीं महबूबा मुफ्ती कह रही है कि वह तिरंगा नहीं उठाएंगी और ना ही उठाने देंगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने भी कहा था कि अनुच्छेद 370 हटाना अनुचित है और हम इसकी वापसी चाहते हैं।

गौरतलब है कि चार अगस्त 2019 को फारूक अब्दुल्ला के गुपकार स्थित आवास पर एक सर्वदलीय बैठक हुई थी। यहां एक प्रस्ताव जारी किया गया था, जिसे गुपकार समझौता या गठबंधन कहा गया। इसके अनुसार पार्टियों ने निर्णय किया कि वे जम्मू-कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता और उसके विशेष दर्जे को बनाए रखने के लिए सामूहिक रूप से प्रयास करेंगे।

गुपकार समझौते या गठबंधन के तहत कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता और विशेष दर्जे की रक्षा और बचाव के लिए हम सभी नेता प्रतिबद्ध हैं। नेताओं ने यह भी कहा था कि राज्य का बंटवारा कश्मीर और लद्दाख के लोगों के खिलाफ जुल्म है। 370 समाप्त करने के फैसले को इन नेताओं ने असंवैधानिक करार दिया था।

इस गठबंधन में जम्मू-कश्मीर के छह बड़े राजनीतिक दल शामिल हैं। इनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस, PDP, कांग्रेस समेत तीन और दल हैं। बता दें कि गुपकार बैठक के अगले ही दिन जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया गया था और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख तो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया गया था।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.