वैश्विक महामारी कोरोना की जंग में भारत के वैक्सीन की विश्व भर में हो रही तारीफ़, WHO समेत पूरी दुनिया हुई मोदी की मुरीद, पढ़े किसने क्या कहा
न्यूज़ डेस्क। कहते हैं मुसबीत की घड़ी में जो आपका साथ दे वह सच्चा दोस्त होता है। भारत कोरोना महामारी के इस दौर में अपने पड़ोसियों के लिए इसी सच्चे दोस्त की भूमिका निभा रहा है। आबादी के लिहाज से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश होने के बावजूद भारत लगातार अपने जरूरतमंद पड़ोसियों को कोरोना वैक्सीन भेज रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ‘वैक्सीन मैत्री’ का नाम दिया था। भारत की इस दरियादिली की दुनियाभर में तारीफ हो रही है। अब खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन के चीफ ट्रेड्रोस अधानोम भारत के कायल हो गए हैं और उन्होंने पीएम मोदी को शुक्रिया भी कहा है।
WHO चीफ ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘ग्लोबल कोविड-19 रिस्पॉन्स को लगातार समर्थन देने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया। मिलकर काम करने, ज्ञान साझा करने से ही हम इस वायरस को रोक सकते हैं और जिंदगियां बचा सकते हैं।’
Thank you #India and Prime Minister @narendramodi for your continued support to the global #COVID19 response. Only if we #ACTogether, including sharing of knowledge, can we stop this virus and save lives and livelihoods.
— Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) January 23, 2021
इससे पहले ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो ने भी वैक्सीन की पहली खेप मिलने के बाद भारत का शुक्रिया अदा किया था और संजीवनी बूटी ले जाने वाले भगवान हनुमान से तुलना की थी। उन्होंने कहा था कि भारत से वैक्सीन पाकर ब्राजील सम्मानित महसूस कर रहा है।
Namaskar, Prime Minister @narendramodi
Brazil feels honoured to have a great partner to overcome a global obstacle by joining efforts.
Thank you for assisting us with the vaccines exports from India to Brazil.
Dhanyavaad! धनयवाद
— Jair M. Bolsonaro (@jairbolsonaro) January 22, 2021
बांग्लादेश भी कह चुका है शुक्रिया
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 टीकों की 20 लाख खुराक भेजने के लिए पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया था। हसीना ने ट्वीट किया, ‘मैं प्रधानमंत्री मोदी को उपहार के रूप में वैक्सीन भेजने के लिए धन्यवाद देती हूं, मुझे उम्मीद है कि बांग्लादेश को कोविड-19 महामारी से छुटकारा मिलेगा।
दुनिया के 92 देशों को चाहिए भारत की वैक्सीन
भारत को वैक्सीन का हब माना जाता है। खबरों के मुताबिक, दुनिया के 92 देशों ने मेड इन इंडिया वैक्सीन के लिए भारत से संपर्क किया है। भारत में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था लेकिन बिना देरी किए भारत ने अपने पड़ोसी मुल्कों को भी वैक्सीन की आपूर्ति की। दरअसल, भारत में इस्तेमाल हो रही वैक्सीन के साइड इफेक्ट लगभग न के बराबर है। डोमिनिकन रिपब्लिक के प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्केरिट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कोरोना वैक्सीन भेजने का अनुरोध किया है। बोलीविया की सरकार ने 50 लाख डोज कोरोना वैक्सीन के लिए सीरम इंस्टीट्यूट के साथ करार किया है।
नेबरहुड फर्स्ट की नीति का पालन कर रहा भारत
महामारी के वक्त भारत ने नेबरहुड फर्स्ट की नीति अपनाते हुए सबसे पहले भूटान और मालदीव को वैक्सीन भेजी थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने शुक्रवार को बताया कि भारत अपने पड़ोसी देशों को प्राथमिकता देते हुए उन्हें सहायता के तौर पर कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करा रहा है। भारत ने इस अभियान की शुरुआत 20 जनवरी को ही कर दी थी जिसके तहत पहले दिन भूटान को कोरोना वैक्सीन की 1.5 लाख खुराक, जबकि मालदीव को एक लाख खुराक उपलब्ध कराई गईं थी। इसके बाद गुरुवार को नेपाल को 10 लाख, जबकि बांगल्देश को 20 लाख कोरोना वैक्सीन की खेप भेजी जा चुकी है।
इस अभियान के तहत शुक्रवार को म्यांमार को 15 लाख, मॉरीशस को एक लाख और सेशल्स को कोरोना वैक्सीन की 50 हजार खुराक भेजी गई हैं। उन्होंने बताया कि श्रीलंका और अफगानिस्तान से नियामक संबंधी मंजूरी मिलने के बाद इन्हें भी कोरोना वैक्सीन की खेप भेजी जाएगी। इसके अलावा अनुबंध के तहत सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, मोरक्को, बंगलादेश और म्यांमार को भी कोरोना वैक्सीन की खेप भेजने पर काम किया जा रहा है।
वैक्सीन से पहले भी ऐसे की थी मदद
कोरोना महामारी के दौरान भारत ने बीते साल बड़ी मात्रा में कई देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, रेमडेसिविर और पैरासिटामॉल जैसी दवाइयां भेजी थीं। इसके अलावा डायग्नोस्टिक किट, वेंटिलेटर, मास्क, दस्ताने और अन्य मेडिकल सामान की आपूर्ति भी की गई थी।