कोविड-19 : भारत में Roche एंटीबॉडी ड्रग के इस्तेमाल की मंजूरी, कोरोना के खिलाफ जंग में निभाएगी अहम भूमिका

नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर का कहर जारी है। एक साल पहले ही इस बीमारी का पता इंसानों को चला था, जिस वजह से अभी तक इसकी कोई सटीक दवा नहीं बन पाई है। आमतौर पर कोरोना वायरस इंसान के फेफड़ों या फिर किडनी जैसे खास अंगों को प्रभावित करता है। ऐसे में कुछ खास एंडीबॉडी दवाओं के जरिए इसके संक्रमण को रोका जा सकता है, जिसमें से Roche और Regeneron की ओर से बनाई गई कॉकटेल दवा Casirivima और Imdevimab भी शामिल है, जिसको भारत में आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है।

जानकारी के मुताबिक सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने कोरोना महामारी को देखते हुए इस एंटीबॉडी ड्रग का डेटा का निरीक्षण किया था। इससे पहले अमेरिका के ड्रग रेग्युलेटर्स ने भी इसके आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी। अब भारत में मंजूरी मिलने के बाद इसे आसानी से आयात किया जा सकेगा। साथ ही प्रसिद्ध दवा कंपनी Cipla लिमिटेड Casirivima और Imdevimab का डिस्ट्रीब्यूशन दिखेगी।

पिछले महीने कंपनी ने कहा था कि वो एक्टेम्रा (टोसीलिज़ुमाब) के उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए काम कर रही है। जिसका उपयोग COVID-19 के उपचार में किया जा सकता है। Roche के मुताबिक उनकी कंपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने और आपूर्ति करने के लिए अपने नेटवर्क में तेजी ला रही है। ये भारत में संक्रमण की बढ़ती संख्या के साथ, अस्पताल में भर्ती और स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव को कम करने में महत्वपूर्ण है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 2.07 करोड़ के पार पहुंच गई है, जिसमें से 2.26 लाख लोगों की मौत हुई जबकि 1.69 करोड़ से ज्यादा लोग रिकवर हो चुके हैं। ऐसे एक्टिव केस की संख्या 35 लाख के करीब है। वहीं दूसरी ओर भारत सरकार ने 17 जनवरी को देशभर में टीकाकरण अभियान शुरू किया था। जिसके तहत कोविशिल्ड और कोवैक्सीन की डोज लोगों को दी जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार तक दोनों वैक्सीन की 16 करोड़ से ज्यादा डोज दी जा चुकी हैं।

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