बर्ड फ्लू : कोरोना संकट के बीच अब बर्ड फ्लू के कहर ने बढ़ाई भारत की टेंशन, राज्य सरकारों ने जारी किया अलर्ट, जानें कहां-कैसे हैं हालात

नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के बीच देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू कोहराम मचा रहा है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और केरल के बाद हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में बर्ड फ्लू से दहशत मच गई है। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पोंग बांध झील क्षेत्र में मृत पाए गए कुछ प्रवासी पक्षियों में ‘बर्ड फ्लू’ की पुष्टि की है। जिसे देखते हुए राज्य सरकारों ने अलर्ट जारी कर दिया है।

वहीं मध्य प्रदेश में बड़े पैमने पर हो रही कौओं की मौत पर प्रभावी नियंत्रण लगाने के लिए पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने अलर्ट जारी किया है। साथ ही राज्य के सभी जिलों को सतर्क रहने और किसी भी प्रकार की परिस्थिति में कौओं और पक्षियों की मृत्यु की सूचना पर तत्काल रोग नियंत्रण के लिये भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिये गए हैं।

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बताया जा रहा है कि प्रदेश में पिछले साल 23 दिसम्बर से 3 जनवरी, 2020 तक इंदौर में 142, मंदसौर में 100, आगर-मालवा में 112, खरगोन जिले में 13, सीहोर में 9 कौओं की मौत हो चुकी है। मृत कौओं के सैंपल भोपाल स्थित स्टेट डी.आई. लैब तत्काल भेजे जा रहे हैं। साथ ही इंदौर में कंट्रोल-रूम गठित कर रैपिड रिस्पांस टीम द्वारा कार्रवाई की जा रही है।

हिमाचल प्रदेश में पोंग बांध झील अभयारण्य में अब तक करीब 1800 प्रवासी पक्षी मृत पाये गये हैं। केंद्र द्वारा दी गयी जानकारी का जिक्र करते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अर्चना शर्मा ने कहा कि बरेली में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में मृत पक्षियों के नमूनों की जांच रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि उनका विभाग भोपाल स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डीजीज से इसकी पुष्टि का इंतजार कर रहा है क्योंकि इस बीमारी की जांच के लिये यह नोडल इकाई है।

वहीं कांगड़ा के जिलाधिकारी राकेश प्रजापति ने जिले के फतेहपुर, देहरा, जवाली और इंदौरा उप मंडल में मुर्गी, बत्तख, हर प्रजाति की मछली और उससे संबंधित उत्पादों जैसे अंडे, मांस, चिकन आदि की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। हिमाचल प्रदेश के पोंग बांध वन्यजीव अभयारण्य में वन्यजीव कर्मियों ने पिछले सोमवार को फतेहपुर में सबसे पहले चार पक्षियों के मृत मिलने की सूचना दी थी। इसके बाद कुछ अन्य क्षेत्रों से भी मामले सामने आए।

हरियाणा के बरवाला क्षेत्र में रहस्यमय तरीके से मर रहीं मुर्गियों की वजह से इलाके में एवियन फ्लू का भय है। यहां करीब एक लाख मुर्गी और चूजों की मौत हो चुकी है। मुर्गियों के रहस्यमय तरीके से मरने का सिलसिला 5 दिसंबर से शुरू हुआ था। बता दें कि बरवाला क्षेत्र के 110 मुर्गी फार्मों में से लगभग दो दर्जन फार्मों में मुर्गियों की रहस्यमय तरीके से मौत हो चुकी है। मुर्गियों की मौत के बाद अब पंचकूला जिला प्रशासन हरकत में आया है। राज्य के पशुपालन विभाग ने प्रभावित फार्मो में पाई गई मृत मुर्गियां के 80 सैम्पल इकट्ठे करके जांच के लिए जालंधर की रीजनल डिजीज डायग्नोस्टिक लैबोरेट्री में भेजे गए हैं।

गुजरात के जूनागढ़ में भी बर्ड फ्लू का खतरा मंडराता दिखाई दे रहा है। यहां मानावदर तहसील के बाटवा के नजदीक एक साथ 53 पक्षी मृत हालत में मिलने से हड़कंप मच गया है। पक्षियों के मृत हालत में पाए जाने की जानकारी जैसे ही वन विभाग को दी गई वन विभाग की टीम भी घटनास्थल पर पहुंची और इतनी बड़ी तादाद में पक्षियों के मृत हालत में पाए जाने को लेकर सभी पक्षियों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। वन विभाग को यह आशंका है कि इन पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू की वजह से हो सकती है।

राजस्थान के भी कई जिलों में बर्ड फ्लू के केस मिले हैं। झालावाड़ में सबसे पहले बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। यहां एक साथ सैकड़ों की संख्या में कौओं की मौत हो गई थी। राज्य में मृत कौवों की संख्या 252 हो गई है। अब तक झालावाड़ में 100, बारां में 72, कोटा से 47, पाली से 19 और जयपुर तथा जोधपुर से 7-7 कौवे मृत पाए जाने की जानकारी मिली है।

25 दिसंबर को पहली बार झालावाड़ में कौओं के मरने की सूचना मिली थी, जिसके बाद 27 दिसंबर को मरने के कारणों को जांचने के लिए भोपाल लैब में सैम्पल भेजे गए थे।

केरल के कोट्टायम और अलपुझा जिलों के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू फैलने के मामले सामने आए हैं। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में और उसके एक किलोमीटर के दायरे में बत्तख, मुर्गियों और अन्य पालतू पक्षियों को मारने का आदेश दिया है। जिन लोगों के भी पक्षियों को मारा जाएगा, उन्हें सरकार की ओर से मुआवजा भी दिया जाएगा। कोट्टायम जिला प्रशासन ने कहा कि नींदूर में एक बत्तख पालन केंद्र में बर्ड फ्लू पाया गया है। वहां करीब 1,500 बत्तख मर चुकी हैं। भोपाल की लैब में 8 सैम्पल भेजे गए थे जिनमें से 5 में फ्लू पाया गया।

झारखंड में भी एहतियातन कदम उठाते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है। लोगों से अपील की गई कि किसी भी पक्षी की मौत अस्वाभाविक तरीके से होती है तो इसकी सूचना तुरंत पशुपालन विभाग को दी जाए। इसके साथ ही पक्षी के विसरे की जांच के लिए लैब भेज दिया जाए।

कुल मिलकर कई उत्तर से मध्य और दक्षिण भारत तक कई राज्यों में बर्ड फ्लू पैर पसार चुका है। इन राज्यों में प्रशासन अलर्ट पर है। दूसरे राज्य भी एहतियात बरत रहे हैं।

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