कंगना के दफ्तर पर BMC ने चलाया JCB तोडा दफ्तर, आखिर क्यों डर रही है ठाकरे सरकार, कुछ तो जरूर है!, कंगना बोलीं- याद रख बाबर, फिर बनेगा यह मंदिर

मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में कुछ तो ऐसा है तो उद्धव ठाकरे की शिवसेना सरकार की गले की हड्डी बनी हुई है। ठाकरे सरकार की गर्दन कहीं तो जरूर फंसी हुई है, जो पार्टी के सारे सांसद, विधायक, प्रवक्ता और मंत्री ड्रग मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकर चुकी रिया चक्रवर्ती के खिलाफ बोलने वालों पर मोर्चा खोल देते हैं। सुशांत मामले में बेबाक कंगना रनौत के खिलाफ शुरू में पार्टी के सांसद संजय राउत अनाप-शनाप बकते रहे हैं। हरामखोर तक कहने वाले राउत को उद्धव ठाकरे प्रमोट भी कर देते हैं। राज्य में मंत्री अनिल देशमुख कंगना को मुंबई आने पर देख लेने की बात करते हैं। पार्टी के नेता राज्य में कंगना के खिलाफ प्रदर्शन करने लगते हैं। इतना सब होने के बाद भी कंगना के तेवर ढीला ना पड़ने पर ठाकरे सरकार बीएमसी को मोर्चे पर लगा देती है।

BMC बिना बताए ऑफिस में आकर पहले तो वहां पर लोगों को डराने-धमकाने का काम किया, फिर ऑफिस पर अवैध निर्माण तोड़ने का नोटिस लगा तुरंत बाद ऑफिस तोड़ने का काम शुरू कर देता है। नोटिस लगाने के तुरंत बाद जिस तरह से बीएमसी ने तत्काल कार्रवाई की, उसपर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। कंगना ने इस कार्रवाई को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है और बीएमसी की तुलना बाबर से की है।

सुशांत मामले में जिस तरह से खान मार्केट गैंग और पेड पक्षकार सरकार और रिया चक्रवर्ती के पक्ष में उठ खड़े हुए हैं वो काफी दिलचस्प है। इससे आम लोगों को लग रहा है कि मामले में कुछ तो ऐसा जरूर है जिससे पूरी की पूरी सरकार डरी हुई है। पेड प्रमोशनल स्टोरी की जा रही है। बॉलीवुड के तमाम कथिथ सेकुलर-लिबरल एक्टर और प्रोपगेंडा पक्षकार ड्रग मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर चुकी रिया के पक्ष में पीआर माहौल बनाने में जुटे हुए हैं। सवाल उठता है आखिर क्यों?

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