ब्याज पर ब्याज माफ करने तैयार मोदी सरकार, मोरेटोरियम पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा किया दाखिल
नई दिल्ली। कोरोना काल में अगर आपने लोन मोरेटोरियम की सुविधा का लाभ लिया है तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने ऐसे लोगों को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि एमएसएमई, एजुकेशन, होम, कंज्यूमर, ऑटो लोन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज (ब्याज पर ब्याज) को माफ किया जाएगा। हालांकि, हलफनामे में कहा गया है कि कर्ज पर संविदात्मक ब्याज पर छूट को माफ नहीं किया जा सकता है क्योंकि इससे बैंकों पर 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय बोझ पड़ेगा।
पहले ब्याज माफ करने के खिलाफ थे
बता दें पूर्व सीएजी राजीव महर्षि की अगुवाई वाली एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों के बाद केंद्र ने इस मुद्दे पर अपना रुख बदला है। पहले केंद्र और आरबीआई ब्याज पर ब्याज माफ करने के खिलाफ थे। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा है कि सरकार ने छोटे कर्जदारों की मदद करने की परंपरा को बनाए रखने का फैसला किया है। कोरोना वायरस महामारी की स्थिति में, ब्याज की छूट का भार वहन सरकार करे यहीं सिर्फ समाधान है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कहा है कि उपयुक्त अनुदान के लिए संसद से अनुमति मांगी जाएगी।
सख्त टिप्पणी की थी सुप्रीम कोर्ट ने
गौरतलब है कि अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने मोरेटोरियम मामले में केंद्र सरकार पर सख्त टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि इस बारे में हलफनामा दाखिल कर केंद्र सरकार अपना रुख स्पष्ट करे और रिजर्व बैंक के पीछे छुपकर अपने को बचाए नहीं। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आप सिर्फ कारोबार में दिलचस्पी नहीं ले सकते। आपको लोगों की परेशानियों को भी देखना होगा।
अब आम आदमी पर ये होगा असर
मार्च में कोरोना संकट की वजह से लॉकडाउन लागू किया गया था। इस वजह से काम-धंधे बंद थे और बहुत से लोग ईएमआई नहीं चुकाने की स्थिति में थे। इसे देखते हुए आरबीआई के आदेश पर बैंकों से ईएमआई नहीं चुकाने के लिए 6 महीने की मोहलत मिल गई, लेकिन सबसे बड़ी समस्या मोरेटोरियम के बदले लगने वाले अतिरिक्त चार्ज को लेकर थी।अब इस राहत से लोन मोरेटोरियम का लाभ ले रहे लोगों को ब्याज पर अतिरिक्त पैसे नहीं देने होंगे। ऐसे ग्राहक सिर्फ लोन का सामान्य ब्याज देंगे।