दिल्ली हिंसा : सोनिया गांधी की अगुवाई में राष्ट्रपति से मिला पार्टी शिष्टमंडल, याद दिलाया ‘राजधर्म’, मांगा गृह मंत्री शाह का इस्तीफा
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में पार्टी के शिष्टमंडल ने बृहस्पतिवार को दिल्ली हिंसा मामले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले पार्टी शिष्टमंडल में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और गुलाम नबी आजाद, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और कुछ अन्य नेता शामिल थे। पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से नागरिकों की जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति संरक्षित करने की अपील की है। हमने यह भी दोहराया की इस घटना के लिए जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। साथ ही साथ कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगा।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि कि दिल्ली में पिछले 4 दिनों में जो हुआ है वह बहुत ही चिंता का विषय है और राष्ट्रीय शर्म की बात है। यह केंद्रीय सरकार की कुल विफलता पर एक प्रतिबिंब है। गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों में सुरक्षा का भाव पैदा करने के लिए उनके साथ बातचीत की। हिंसा में 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
A delegation from the Indian National Congress led by Smt Sonia Gandhi and Dr Manmohan Singh called on President Kovind at Rashtrapati Bhavan pic.twitter.com/EVhRmbUsI4
— President of India (@rashtrapatibhvn) February 27, 2020
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में पार्टी के शिष्टमंडल ने बृहस्पतिवार को दिल्ली हिंसा मामले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर आग्रह किया कि वह केंद्र सरकार से राजधर्म का पालन कराने और गृह मंत्री अमित शाह को हटाने के लिए कदम उठाएं। राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले पार्टी शिष्टमंडल में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और कुछ अन्य नेता शामिल थे।कोविंद से मुलाकात के बाद सोनिया ने संवाददाताओं से कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में हमने दिल्ली में स्थिति को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की थी। हमने राष्ट्रपति से मिलने और अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपने का फैसला किया। उन्होंने ज्ञापन के कुछ हिस्से पढ़े और दावा किया कि केंद्र और दिल्ली सरकार हिंसा को लेकर मूकदर्शक बनी रहीं।
गृह मंत्री और प्रशासन की निष्क्रियता से बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ। कांग्रेस की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘हम इस बात को दोहराते हैं कि गृह मंत्री को हटाए जाए क्योंकि वह हिंसा को रोकने में अक्षम साबित हुए।’’पार्टी ने ज्ञापन में राष्ट्रपति से कहा, ‘‘हम आपसे आग्रह करते हैं कि नागरिकों के जीवन, संपत्ति और आजादी की सुरक्षित रखा जाए। हम आशा करते हैं कि आप निर्णायक कदम उठाएंगे।’’ मनमोहन सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिनों के भीतर दिल्ली में जो कुछ भी हुआ है वो बहुत चिंताजनक और राष्ट्रीय शर्म का विषय है। यह हालात को नियंत्रित रखने में केंद्र सरकार की पूरी विफलता का प्रमाण है।सिंह ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से कहा है कि वह सरकार से ‘राजधर्म’ का पालन करने के लिए कहें। गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में भड़की हिंसा में 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।